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CAA Protest: शरद पवार ने कहा- महाराष्ट्र सरकार न लागू करे सीएए और एनआरसी

एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने केंद्रीय गृहमंत्री पर व्यंग्य कसते हुए कहा अमित शाह ने जो ‘खेल’ किया है उसके लिए मैं उनका अभिनंदन करना चाहता हूं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 09:10 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 09:10 PM (IST)
CAA Protest: शरद पवार ने कहा- महाराष्ट्र सरकार न लागू करे सीएए और एनआरसी
CAA Protest: शरद पवार ने कहा- महाराष्ट्र सरकार न लागू करे सीएए और एनआरसी

मुंबई, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार को सलाह दी है कि वह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) एवं राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) को लागू न करे। पवार के अनुसार इसे लागू करने से देश का सामाजिक एवं आर्थिक ढांचा बिगड़ने की आशंका है।

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मोदी सरकार सीएए एवं एनआरसी लायी है अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए-पवार

पवार मानते हैं कि केंद्र सरकार ने सीएए एवं एनआरसी का मुद्दा अन्य महत्त्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उछाला है। पवार के अनुसार उनकी पार्टी ने लोकसभा एवं राज्यसभा में सीएबी का विरोध किया था। अब महाराष्ट्र सरकार को भी इसका विरोध करने वाले अन्य आठ राज्यों की भांति ही इसे लागू नहीं करना चाहिए।

यह कानून बनाया केंद्र ने, लेकिन इसे लागू करना है राज्यों को  

बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले रविवार को ही कहा था कि वह इसे लागू करने से पहले इस पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी। बता दें कि पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल सहित राजग शासित बिहार सरकार ने भी इस कानून को लागू न करने का फैसला किया है। महाराष्ट्र की महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार के शिल्पकार माने जा रहे शरद पवार का कहना है यह कानून बनाया केंद्र ने है, लेकिन इसे लागू राज्य सरकारों को करना है। इसके लिए उनके पास आधारभूत ढांचा भी होना चाहिए।

पवार ने कहा- नया कानून देश की एकता एवं सामाजिक सौहार्द्र के लिए खतरा

शरद पवार कहते हैं कि नया कानून देश की एकता एवं सामाजिक सौहार्द्र के लिए खतरा है। उनके अनुसार सरकार इस बारे में किसी से बात नहीं कर रही है। इसीलिए इसका विरोध हो रहा है। पवार का मानना है कि इसका विरोध सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा ही नहीं, बल्कि उन सभी के द्वारा किया जा रहा है, जो देश की एकता एवं सौहार्द्र के प्रति चिंतित हैं। उनके अनुसार इससे गरीब लोग ज्यादा प्रभावित होंगे।

पवार ने तमिलों को शामिल न किए जाने पर उठाया सवाल

असम का उदाहरण देते हुए पवार कहते हैं कि वहां कई लाख गैर-मुस्लिम परिवार कैंपों में रह रहे हैं, और उनकी स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाते हुए पवार कहते हैं कि वह सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के ही चुनिंदा समुदाय के लोगों को नागरिकता देकर अपना चुनावी लाभ देख रही है। पवार ने इसमें श्रीलंका से आने वाले तमिलों को शामिल न किए जाने पर भी सवाल उठाया है।

राज ठाकरे के सुर भी पवार जैसे

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी शनिवार को पवार के सुर में सुर मिलाते हुए नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि देश कोई धर्मशाला नहीं है, जहां कहीं से भी किसी को लाकर बसा दिया जाए।

पवार ने कहा- अमित शाह ने जो ‘खेल’ किया है, उसके लिए मैं उनका अभिनंदन करना चाहता हूं

पवार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर व्यंग्य कसते हुए कहा अमित शाह ने जो ‘खेल’ किया है, उसके लिए मैं उनका अभिनंदन करना चाहता हूं। उन्होंने सीएए और एनआरसी का मुद्दा उठाकर लोगों का ध्यान आर्थिक मंदी से दूसरी ओर मोड़ दिया है।

भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जो यहां सभी को बसा लिया जाए- राज ठाकरे

राज ठाकरे के अनुसार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले लोगों को निकाल बाहर करना चाहिए। भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जो यहां सभी को बसा लिया जाए। राज के अनुसार इन देशों से आने वालों में हिंदू-मुसलमान के आधार पर भेद करने की जरूरत नहीं है। यह देखे जाने की जरूरत है कि नेपाल सीमा से कितने बांग्लादेशी और पाकिस्तानी भारत में आ रहे हैं। राज के अनुसार यह निर्णय लोगों की समझ में नहीं आ रहा है। इसका परिणाम अगले चुनाव में सामने आएगा।


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