भाजपा की जीत में बुलेट ट्रेन व 'भारतमाला' का भी योगदान
केंद्र सरकार की ये दो ऐसी महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं जो राष्ट्रीय होते हुए भी गुजरात के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। दोनों ही परियोजनाओं से गुजरात की जनता को बड़ा मिलेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुजरात चुनाव से ठीक पहले अहमदाबाद में बहु प्रतीक्षित बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास तथा भारतमाला जैसी विशालकाय परियोजना को मंजूरी ने भी भाजपा के विजय रथ को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। केंद्र सरकार की ये दो ऐसी महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं जो राष्ट्रीय होते हुए भी गुजरात के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। दोनों ही परियोजनाओं से गुजरात की जनता को बड़ा मिलेगा।
विधानसभा चुनाव से पहले 14 सितंबर में देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना का शिलान्यास हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने गुजरात की राजधानी में अहमदाबाद-मुंबई हाईस्पीड रेल परियोजना का भूमि पूजन संपन्न कर इसकी शुरुआत की। लगभग एक लाख करोड़ रुपये की इस परियोजना में 80 हजार करोड़ रुपये की राशि जापान सरकार द्वारा मात्र 0.01 फीसद की नगण्य ब्याज दर पर प्रदान की जा रही है। देश में बुलेट ट्रेन चलने का सपना लगभग हर भारतवासी के मन-मस्तिष्क में कहीं न कहीं समाया हुआ है। लेकिन गुजरातवासियों का दिल इससे इसलिए खास तौर पर जुड़ा है। इससे अहमदाबाद का नाम बुलेट ट्रेन के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा।
इसकी शुरुआत उन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों से हुई है जिन्होंने पूरी दुनिया में गुजरातियों की व्यापारिक दूरदर्शिता, कूटनीतिक सूझबूझ और राजनीतिक जुझारूपन का डंका बजा दिया है। जहां पिछली सरकारें बुलेट ट्रेन को लेकर हिचकिचाहट दिखाती रहीं, वहीं मोदी सरकार ने इसे एक झटके में न सिर्फ स्वीकृति प्रदान की, बल्कि जापान से अपनी शर्तो पर पैसा प्राप्त करने में भी कामयाब रही। कहने को बुलेट ट्रेन अहमदाबाद को मुंबई से जोड़ेगी जो कि ज्यादा बड़ा व महत्वपूर्ण शहर है। लेकिन बुलेट ट्रेन की चर्चा में हमेशा अहमदाबाद का नाम पहले लिया जाएगा।
इसी तरह 24 अक्टूबर को सरकार ने सात लाख करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी 'भारतमाला' परियोजना को मंजूरी दी। इसके तहत कुल 44 आर्थिक गलियारों या इकोनामिक कारीडोर का निर्माण देश के विभिन्न हिस्सों में होगा। इनमें से छह कारीडोर गुजरात से होकर गुजरते हैं। इनमें अमृतसर-जामनगर, कांडला-सागर, सूरत-नागपुर, थरड-फलोदी, अमरेली-वडोदरा, गोधरा-खरगौन इकोनामिक कारीडोर शामिल हैं।
इनके अलावा राजकोट-वीरमगाम, राजकोट-ध्रोल तथा वडोदरा-हलोल-गोधरा के रूप में तीन इंटर कारीडोर भी गुजरात में बनेंगे। यही नहीं, भारतमाला के अंतंर्गत बनने वाले 24 लॉजिस्टक पार्को में से चार का संबंध भी गुजरात से है। ये अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त सूरत में रिंग रोड और सोमनाथ-द्वारका व द्वारका-जामनगर तटीय सड़कों के अलावा भावनगर-सोसिया अलांग शिप रीसाइक्लिंग यार्ड को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण भी भारतमाला के तहत किया जाएगा।