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लोगों की उम्मीद के अनुसार होगा बजट, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का अहम बयान

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि बजट लोगों की उम्मीदों के अनुसार होगा। बजट को तैयार करते वक्त देश को आत्मनिर्भर बनाना और इकोनॉमी को मजबूती देने की बात को ध्यान में रखा गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 09:39 AM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 09:39 AM (IST)
लोगों की उम्मीद के अनुसार होगा बजट, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का अहम बयान
लोगों की सहूलियत का बजट में खा जाएगा ध्यान

 नई दिल्ली, एएनआइ।  Union Budget 2021: आम बजट 2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को पेश करेंगी। इसके लिए तमाम मंत्री संसद पहुंच रहे हैं। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि बजट लोगों की उम्मीदों के अनुसार होगा। बजट को तैयार करते वक्त देश को आत्मनिर्भर बनाना और इकोनॉमी को मजबूती देने की बात को ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास (Sabka Saath, Sabka Vikas, Sabka Vishwas) है। उन्होंने कहा कि आम बजट में आम आदमी का ध्यान रखा जाएगा और यह उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने 'सबका साथ, सबका विकास की नीति पर बजट को तैयार किया है। 

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अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज (Aatmanirbhar package) की घोषणा करके अर्थव्यवस्था को महामारी से बचाकर पटरी पर लाने का काम किया है। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में मोदी 2.0 सरकार का तीसरा बजट पेश करने जा रही हैं। यह बतौर वित्त मंत्री भी उनका  तीसरा बजट  है।  

 बता दें कि उन्होंने संसद आने से पहले भगवान की पूजा की। देश की आर्थिक तरक्की के लिए इस बजट को रोडमैप बजट माना जा रहा है। 

यह बजट काफी उम्मीदों भरा है। किसान, कामगार से लेकर आम करदाता और छोटे से लेकर बड़े कारोबारी तक, सभी की नजरें बजट पर टिकी हैं। कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित ये वर्ग अपने लिए राहतों की उम्मीद कर रहा है। 

कोरोना महामारी की विभीषिका से धीरे-धीरे उबर रही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मोदी सरकार किस तरह के फैसले उठाने जा रही है, बजट 2021 में इसकी रूपरेखा सामने आएगी। हालांकि सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं। समाज के हर वर्ग को जहां राहत देनी है तो वहीं उद्योग धंधों में भी नई जान फूंकनी हैं।

अन्य चुनावी खर्चो के लिए मंत्रालय को 57.10 करोड़ आवंटित किए गए।  इसके तहत केंद्र सरकार राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों को मतपत्रों की छपाई व अन्य सामान्य चुनावी खर्चों के लिए जो राशि देती है उसकी भरपाई की जाती है। इसके अलावा चुनाव आयोग को 249.16 करोड़ रुपये दिए गए जिसमें चुनावी पैनल व चुनाव आयोग के लिए बिल्डिंग आदि के खर्चे शामिल होते हैं। 


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