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पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समय से पहले खत्म होगा संसद का बजट सत्र

दो हफ्ते के भीतर सरकार अपने जरूरी विधायी और वित्तीय कार्य को पूरा कर लेगी और 25 मार्च तक बजट सत्र का समापन कर दिया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने चुनाव के मद्देनजर संसद सत्र को स्थगित करने का आग्रह भी किया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 08:38 PM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 02:27 AM (IST)
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समय से पहले खत्म होगा संसद का बजट सत्र
आठ अप्रैल के बजाय 25 मार्च को ही बजट सत्र खत्म करने के पक्ष में कई दल।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनाव की सियासी गहमागहमी संसद के बजट सत्र पर भारी साबित होती दिख रही है। राजनीतिक पार्टियों की संसद के बजाय चुनावी मैदान में जमे रहने की दिलचस्पी को देखते हुए बजट सत्र को समय से पहले ही समाप्त किए जाने के प्रबल आसार हैं।

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25 मार्च को बजट सत्र खत्म करने के पक्ष में कई राजनीतिक दल

संकेतों से साफ है कि दो हफ्ते के भीतर सरकार अपने जरूरी विधायी और वित्तीय कार्य को पूरा कर लेगी और 25 मार्च तक बजट सत्र का समापन कर दिया जाएगा। तृणमूल कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने चुनाव के मद्देनजर संसद सत्र को स्थगित करने का आग्रह भी किया है।

सत्र को स्थगित करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने बाकायदा स्पीकर और सभापति को लिखा पत्र

सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंत्रालयों की अनुपूरक मांगों और वित्त विधेयक जैसे अहम विधायी कार्यों को अगले दो हफ्ते के दौरान पारित करा लिया जाएगा, ताकि 25 मार्च को सत्र समाप्त किया जा सके। पांच राज्यों के चुनाव की शुरुआत 27 मार्च से हो रही है। कई दलों के सांसदों व नेताओं ने सत्र को स्थगित करने का अनुरोध किया है। तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा में नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने स्पीकर और राज्यसभा में नेता डेरेक ओब्रायन ने सभापति को पत्र लिखकर सत्र को स्थगित करने का आग्रह किया है। तृणमूल ने वर्ष 2008 और 2011 में चुनाव के चलते सत्र बीच में ही समाप्त किए जाने के उदाहरण भी दिए हैं।

द्रमुक ने भी सत्र को स्थगित करने के प्रस्ताव का किया समर्थन

सूत्रों के अनुसार, लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के बाद कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने स्पीकर ओम बिरला से अलग-अलग मुलाकात कर सत्र को लंबा नहीं चलाने का अनुरोध किया। बजट सत्र का दूसरा चरण आठ अप्रैल तक चलना है। मगर इस दौरान राज्यों का चुनावी अभियान चरम पर होगा। बताया जाता है कि द्रमुक ने भी सत्र को स्थगित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। हालांकि, कांग्रेस बजट सत्र को समय से पहले समाप्त किए जाने के खिलाफ है।

बीजद ने कहा- चुनाव के चलते संसद सत्र स्थगित नहीं किया जाना चाहिए

सूत्रों के अनुसार, बीजद ने भी कहा है कि चुनाव आते रहते हैं। संसद सत्र को इसकी वजह से स्थगित नहीं किया जाना चाहिए। वाइएसआर कांग्रेस ने कहा कि यदि सत्र जल्द समाप्त किया जाता है तो अगला सत्र लंबी अवधि का हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

मार्च 9 से सामान्य रूप से होंगी संसद की बैठकें

कोविड महामारी की अभूतपूर्व परिस्थितियों के चलते अब तक दो पालियों में चल रही संसद की कार्यवाही मंगलवार से सामान्य रूप से चलेगी। लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही अब अपने पुराने नियत समय सुबह 11 बजे से प्रारंभ होकर शाम छह बजे तक चलेगी। हालांकि, कोविड प्रोटोकाल का पालन पहले की तरह जारी रहेगा। राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू तो लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने सदन की बैठकें सामान्य दिनों की तरह बुलाए जाने की घोषणा की। कोविड के चलते बीते मानसून सत्र से ही संसद की बैठक दो पालियों में हो रही थी। राज्यसभा सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक और लोकसभा शाम चार से रात नौ बजे तक चल रही थी। इस दौरान राज्यसभा के सदस्य अपने सदन और दीर्घाओं के अलावा लोकसभा चैंबर में भी बैठते थे। लोकसभा के सदस्य भी इसी तरह अपनी दीर्घाओं के अलावा राज्यसभा चैंबर में बैठते थे।


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