कोरोना के खतरों को देखते हुए संसद का बजट सत्र स्थगित, वित्त विधेयक बिना चर्चा के पारित
नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद और सदन के नेता थावरचंद गहलोत ने भी रिटायर हो रहे सदस्यों के योगदान की सराहना करते हुए भविष्य की शुभकामानाएं दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना के खतरों को देखते हुए आखिरकार संसद का बजट सत्र भी सोमवार को तय समय से 11 दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया। बहरहाल पहले लोकसभा ने बिना चर्चा के ही वित्त विधेयक को पारित कर सरकार के अगले वित्त वर्ष के बजट खर्चे को मंजूरी दे दी। और कुछ घंटो बाद राज्यसभा ने भी इसे हरी झंडी दे दी।
राज्यसभा ने रिटायर हो रहे 55 सदस्यों को दी भावभीनी विदाई
सरकार के जरूरी विधायी कामकाज निपटाने की इस आपाधापी के बावजूद राज्यसभा अपने रिटायर हो रहे 55 सदस्यों को भावभीनी विदाई देना नहीं भूली। हालांकि कोरोना के खतरों और देश में लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए दोनों सदनों में सांसदों को उपस्थिति काफी कम रही।
कोरोना संक्रमण के चलते विपक्ष संसद सत्र को स्थगित करने की मांग कर रहे थे
कोरोना संक्रमण की लगातार गहराती आशंका को देखते हुए विपक्षी दल पिछले सप्ताह से ही संसद सत्र को स्थगित करने की मांग कर रहे थे। देश में रविवार को लागू जनता कर्फ्यू के बाद ही सरकार ने सत्र को स्थगित करने का मन बना लिया।
बिना चर्चा के ध्वनिमत से वित्त विधेयक पारित
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसके मददेनजर सोमवार को सदन की बैठक शुरू होने से पहले अपने कक्ष में सभी दलों के नेताओं संग बैठक की जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। कोराना से पैदा हुई आपात परिस्थितियों को देखते हुए विपक्षी दलों ने सरकार के अगले साल के बजट और वित्त विधेयक को बिना चर्चा के पारित करने पर हामी भर दी। इसके बाद सदन ने विपक्ष के सभी संशोधनों को खारिज करते हुए ध्वनिमत से वित्त विधेयक को पारित कर दिया।
छत्तीसगढ में शहीद हुए 17 जवानों को सदन ने दी श्रद्वांजलि
इससे पहले छत्तीसगढ के सुकमा में नक्सलियों के हाथों शहीद हुए 17 केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को श्रद्वांजलि दी गई। लोकसभा ने महज 50 मिनट में ही जरूरी विधायी कार्य निपटा लिए और सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
जम्मू-कश्मीर के खर्च से जुड़े विनियोग विधयेक राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित
राज्यसभा ने सबसे पहले केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के खर्च से जुड़े विनियोग विधयेक पर चर्चा की और इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया। हालांकि इस पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने जम्मू–कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। साथ ही उन्होंने सरकार से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा शीघ्र बहाल करने की मांग की ताकि अगला सूबे के अगले बजट की चर्चा राज्य विधानसभा में की जा सके। भाजपा के राकेश सिन्हा ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इस केंद्र शासित प्रदेश को मुख्यधारा में शामिल किए जाने से हो रहे बदलावों को सकारात्मक बताया। संक्षिप्त चर्चा के बाद सदन ने इसे भी पारित कर दिया।
नेता विपक्ष और सदन नेता ने रिटायर हो रहे सदस्यों को दी शुभकामानाएं
इसके बाद सदन ने अगले महीने की शुरूआत में रिटायर हो रहे 55 सदस्यों को विदाई दी। इस दौरान मोतीलाल वोरा, प्रभात झा, बीके हरिप्रसाद, सत्यनारायण जटिया जैसे कुछ रिटायर हो रहे सदस्यों ने अपने राजनीतिक और संसदीय जीवन के भावपूर्ण क्षणों को साझा किया। नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद और सदन के नेता थावरचंद गहलोत ने भी इन सदस्यों के योगदान की सराहना करते हुए भविष्य की शुभकामानाएं दी।
वित्त विधेयक सर्वसम्मति से पारित होने के बाद राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके बाद सदन में वित्त विधेयक पेश किया जिससे चंद मिनटों में ही बिना चर्चा के सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। संसद का बजट सत्र 3 अप्रैल तक होना था और सरकार पिछले सप्ताह तक इसे स्थगित करने की मांग को ठुकरा रही थी मगर कोरोना के खतरों को देखते हुए सरकार ने सोमवार को आगे और जोखिम न लेने का निर्णय लिया।