बसपा सांसद ने लोकसभा में उठाया हिरासत में मौत का मुद्दा, गृह मंत्री अमित शाह से की खास अपील
सांसद ने कहा कि पुलिस हिरासत और मुठभेड़ों में मौत का मामला हमारे सामने है। वास्तविक दोषियों को नहीं पकड़ा जाता है। जिन्हें पकड़ा जाता है वे पीड़ित ओबीसी अनुसूचित जाति और मुस्लिम समाज के लोग होते हैं
नई दिल्ली, प्रेट्र। बसपा सांसद रितेश पांडेय ने सोमवार को पुलिस हिरासत में होने वाली मौत की आलोचना करते हुए गृह मंत्री से मामले में दखल देने की मांग की। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं सभ्य समाज के लिए अच्छी नहीं हैं और इससे पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचता है।
पांडेय ने कहा कि पुलिस हिरासत और मुठभेड़ों में मौत का मामला हमारे सामने है। वास्तविक दोषियों को नहीं पकड़ा जाता है। जिन्हें पकड़ा जाता है, वे पीड़ित, ओबीसी, अनुसूचित जाति और मुस्लिम समाज के लोग होते हैं। उन्होंने कहा कि गैंगस्टर विकास दुबे को कानूनी प्रक्रिया के बाद सजा दी जानी चाहिए थी, जिससे कानून के शासन पर लोगों का विश्वास कमजोर नहीं होता। मैं गृह मंत्री और कानून मंत्री से इस मुद्दे पर ध्यान देने और व्यवस्था सुधारने की मांग करता हूं, ताकि पुलिस को जज की भूमिका निभाने से रोका जा सके।
क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ो का किया जिक्र
बसपा सांसद ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों के आंकड़ों के अनुसार न्यायिक हिरासत में हत्याएं फिर से बढ़ रही हैं। 2017 में ये आंकड़ा बढ़कर 772 हो गया। हाल ही में गैंगस्टर विकास दुबे जैसे अपराधी को भी देश की न्यायिक प्रक्रिया से गुजरते हुए ही सजा मिलनी चाहिए थी, ताकि देश में कानून के शासन पर लोगों का विश्वास कमजोर ना हो।
रविवार को संसद में हुआ जमकर हंगामा
बता दें कि राज्यसभा में रविवार को कृषि से जुड़े दो विधेयकों के पास होने के दौरान विपक्ष के सांसदों जोरदार हंगामा किया। इस दौरान टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने रूल बुक फाड़ दी। विपक्षी दलों ने हरिवंश पर संसदीय नियमों और परंपराओं की धज्जियां उड़ाते हुए जबरन बिल पारित कराने का आरोप भी लगाया। डेरेकने आरोप कहा कि संविधान ने सांसदों को जो अधिकार दिया है उसे आज सदन में छीना गया।