Move to Jagran APP

आर्थिक आरक्षण के बाद अब मध्यम वर्ग के लिए खुलेगा मोदी सरकार का पिटारा

फ्लैट बनाने पर लगाये जाने वाले जीएसटी की मौजूदा दर 12 फीसद से घटा कर 5 फीसद करने की मांग रियल एस्टेट कंपनियां कर रही हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 10:23 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 07:40 AM (IST)
आर्थिक आरक्षण के बाद अब मध्यम वर्ग के लिए खुलेगा मोदी सरकार का पिटारा
आर्थिक आरक्षण के बाद अब मध्यम वर्ग के लिए खुलेगा मोदी सरकार का पिटारा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का दांव खेलने के बाद सरकार की तरफ से देश के मध्यम वर्ग और उद्योग जगत के लिए आने वाले दिनों में कुछ बड़ी घोषणाएं होंगी। इसमें एक तरफ सूक्ष्म, लघु व मझोली औद्योगिक इकाइयों को राहत देने की कोशिश होगी तो दूसरी तरफ किसानों के लिए भी एक पैकेज की घोषणा होगी।

loksabha election banner

चीनी उद्योग को नया पैकेज देने का प्रस्ताव भी तैयार

चीनी उद्योग को भी एक बड़ी राहत देने की तैयारी है जिस पर जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी आ सकती है। यही नहीं तीन हफ्ते बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली की तरफ से पेश होने वाले अंतरिम बजट का स्वरूप भी इस तरह से रखा जाएगा जिसमें मध्यम वर्ग को लुभाने की पूरी कोशिश होगी।

अंतरिम बजट के प्रारूप पर वित्त मंत्रालय के भीतर चर्चा का दौर लगातार जारी है। वित्त मंत्री अंतरिम बजट के जरिए अपनी पार्टी की आगामी प्रत्यक्ष कर नीति का प्रारूप पेश करेंगे। जिसमें आम आय कर दाताओं को ज्यादा छूट देने के साथ ही बचत को प्रोत्साहन करने के नए तरीकों का वादा होगा। कानूनी बाध्यताओं की वजह से इन घोषणाओं को सरकार अभी लागू नहीं कर सकेगी, लेकिन आने वाले दिनों में इस तरह के कदम उठाने का वादा वह कर सकती है।

वर्ष 2009 में अंतरिम बजट पेश करते हुए पूर्व वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कई तरह की घोषणाएं की थी। इसी तरह से वर्ष 2014 के अंतरिम बजट में भी पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कई तरह की लोकलुभावन नीतियों का ऐलान किया था।

जीएसटी परिषद की बैठक में मिलेगा छोटी व मझोली कंपनियों को तोहफा

सूत्रों के मुताबिक छोटे व मझोले उद्योगों को एक बड़ी राहत अगले गुरुवार को जीएसटी परिषद की बैठक में मिल सकती है जब जीएसटी के तहत पंजीयन कराने की मौजूदा सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ा कर 75 लाख रुपये कर दी जाएगी। इससे एक झटके में जीएसटी लागू होने से परेशान छोटे व मझोले उद्योगों के एक बहुत बड़े वर्ग को राहत मिल जाएगी। इसके अलावा जीएसटी परिषद की बैठक में देश के रियल एस्टेट को भी बड़ी राहत देने के प्रस्ताव पर विचार होना है।

फ्लैट बनाने पर लगाये जाने वाले जीएसटी की मौजूदा दर 12 फीसद से घटा कर 5 फीसद करने की मांग रियल एस्टेट कंपनियां कर रही हैं। छोटी व मझोली कंपनियों पर बकाये कर्ज को रिस्ट्रक्चरिंग का निर्देश आरबीआइ पहले ही बैंकों को दे चुका है। सोमवार को आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने एसएमई कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। इस विमर्श के आधार पर लघु उद्योगों को नई राहत दी जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.