G-7 की बैठक के लिए ब्रिटेन नहीं जाएंगे मोदी, विशेष मेहमान के तौर पर आमंत्रित हैं पीएम
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा पीएम मोदी को विशेष आमंत्रित के रूप में जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रण की सराहना करते हैं। लेकिन प्रधान मंत्री जी- 7 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में कोरोना के हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समूह-सात (जी-7) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन नहीं जाएंगे। ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने इस बैठक में विशेष मेहमान तौर पर पीएम मोदी को बुलाया था। चीन के साथ अमेरिका व पश्चिमी देशों के बढ़ते तनाव के मद्देनजर इस बार की समूह-सात की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संकेत है कि अमेरिका, ब्रिटेन की तरफ से इस बैठक में लोकतांत्रिक देशों के एक मंच की शुरुआत की जा सकती है। बैठक में भारत, दक्षिण कोरिया और आस्ट्रेलिया के प्रमुखों को बुलाया गया है। बहरहाल, पीएम मोदी बैठक में वर्चुअल तरीके से हिस्सा लेंगे। बैठक ब्रिटेन कार्नवेल में 11-13 जून, 2021 के बीच है।
While appreciating the invitation to the Prime Minister by UK Prime Minister Boris Johnson to attend the G7 Summit as a Special Invitee, given the prevailing COVID situation, it has been decided that the Prime Minister will not attend the G7 Summit in person: MEA Spokesperson pic.twitter.com/2KMqO1Bnym
— ANI (@ANI) May 11, 2021
11-13 जून को ब्रिटेन में होना है सम्मेलन
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया है कि ब्रिटिश पीएम जॉनसन की तरफ से बैठक में विशेष मेहमान के तौर पर मिले आमंत्रण की हम प्रशंसा करते हैं लेकिन कोविड के हालात को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत तौर पर इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। उल्लेखनीय है कि हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर समूह-सात की शिखर बैठक की तैयारियों से जुड़ी विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए लंदन गए थे। वहां भारतीय दल के कुछ सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव मिलने से भारत के लिए हालात काफी दुविधापूर्ण हो गए थे।
विदेश मंत्री समेत कुछ सदस्यों को होटल के बंद कमरे से तमाम बैठकों में वर्चुअल तरीके से हिस्सा लेना पड़ा था। बाद में भारत की तरफ से बताया गया था कि लंदन में जांच रिपोर्ट में ही कुछ गड़बड़ी हुई है, क्योंकि सभी सदस्य यहां से कोरोना टेस्ट कराने और उसकी निगेटिव रिपोर्ट के बाद वहां गए थे। संभव है कि भारत फिर ऐसी किसी असहज स्थिति से बचना चाहता है।
भारत को समूह-सात की इस बैठक में बुलाने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन दोनों ने खास दिलचस्पी दिखाई थी। यह बैठक पिछले वर्ष होनी थी, जिसकी घोषणा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी। उन्होंने यहां तक कहा था कि अमेरिका और भारत मिलकर शीर्ष 10 लोकतांत्रिक देशों का एक नया मंच तैयार करेंगे। ब्रिटिश पीएम इस बैठक के मोदी को आमंत्रित करने के लिए स्वयं भारत आने वाले थे। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण उन्हें भारत दौरा रद करना पड़ा।