नाराज उपेंद्र कुशवाहा को नहीं मनाएगी भाजपा, खुद मान जाएं तो बेहतर
नाराज केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा को भाजपा मनाने नहीं जा रही है। रालोसपा के सांसद रामकुमार शर्मा ने भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव से मुलाकात की थी।
पटना, राज्य ब्यूरो। रालोसपा के अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा भले ही एनडीए से नाराज चल रहे हों,लेकिन भाजपा उन्हें मनाने नहीं जा रही। वह खुद मान जाएं तो थोड़ी गुंजाइश अब भी बची हुई है। इसके लिए भी उन्हें ही पहल करनी होगी। उनकी नाराजगी को भाजपा बेवजह मान रही है। सूत्रों ने बताया कि रालोसपा के सांसद रामकुमार शर्मा ने भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव से मुलाकात की थी। शर्मा,एनडीए के साथ बने रहने के पक्ष में हैं। यादव का कहना था कि एनडीए के कई बड़े नेताओं के खिलाफ बोलकर उपेंद्र कुशवाहा ने रास्ता खुद बंद कर लिया है। कम सीटों की आशंका भी बेवजह है। क्योंकि इस मसले पर अंतिम फैसला हुआ ही नहीं है।
भूपेंद्र यादव का कहना था कि शाह ने कुशवाहा को मिलने के लिए दो बार समय दिया। कहा गया कि बिहार में पूर्व घोषित कार्यक्रम के चलते दिल्ली नहीं आ सकते। जबकि शाह उन दिनों विधानसभा चुनावों में व्यस्त थे। उपेंद्र अपने कार्यक्रम में फेरबदल कर लेते तो कोई हर्ज नहीं था। शाह ऐसा नहीं कर सकते थे। इस दौर में उपेंद्र कुशवाहा की गतिविधियां भी दोस्त की तरह नहीं थीं। वे कभी विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से मिल रहे थे तो कभी शरद यादव से मिलने की खबरें आ रही थीं। यह सब गठबंधन के लिए ठीक नहीं था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला भी एनडीए में कुशवाहा की स्थिति को कमजोर ही कर रहा है। भाजपा इसका भी बुरा मान रही है। बिहार एनडीए के दो घटक दल जदयू और लोजपा पहले ही उपेंद्र का साथ छोड़ चुके हैं। ले देकर भाजपा उनके पक्ष में थी। लेकिन अब भाजपा के कई बड़े नेता नाराज हो गए हैं।
अमित शाह 25 तारीख को दिल्ली में रहेंगे। संभव है कि उस दिन रालोसपा के मसले पर कोई निर्णय हो। कुशवाहा ने एनडीए में बने रहने के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया है। उस दिन तक कोई निर्णय नहीं हुआ तो भाजपा कुशवाहा के इस्तीफे का इंतजार करेगी। फिलहाल इतना तय है कि उन्हें मंत्री परिषद से बर्खास्त नहीं किया जा रहा है। एनडीए से अलग होने का निर्णय कुशवाहा को खुद लेना होगा।