राहुल के बाद सोनिया गांधी को रायबरेली में घेरने की तैयारी
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह रायबरेली का दौरा करेंगे। कार्यकताओं के साथ संवाद व अन्य कार्यक्रमों के साथ साथ वह वहां एक रैली भी करेंगे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी में राहुल गांधी को कड़ी टक्कर देने वाली भाजपा अगली बार रायबरेली में भी पूरी ताकत से उतरेगी। शनिवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह रायबरेली का दौरा करेंगे। कार्यकताओं के साथ संवाद व अन्य कार्यक्रमों के साथ साथ वह वहां एक रैली भी करेंगे। इसे 2019 की तैयारियों से ही जोड़कर देखा जा रहा है।
भाजपा को पटखनी देने के लिए विपक्ष की गठजोड़ की कोशिशों और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलों के बीच भाजपा नई रणनीति के साथ लोकसभा तैयारियों में जुटी है। रायबरेली दौरा जहां इसका संकेत है वहीं पार्टी नेताओं का दावा है कि इस बार भाजपा ऐसी 90 सीटें भी जीतेगी जो पिछली बार हार गई थी।
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अंतिम समय में भाजपा ने अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ स्मृति इरानी को उतार दिया था। राहुल गांधी भले ही चुनाव जीत गए हों, लेकिन स्मृति इरानी उनके जीत के अंतर को काफी कम करने में सफल रहीं थी। इसके बाद पिछले चार सालों में स्मृति इरानी ने लगातार अमेठी का दौरा कर और वहां के स्थानीय मुद्दों को उठाकर यह साबित कर दिया है कि राहुल गांधी के खिलाफ उनका मैदान में उतरना महज इत्तेफाक नहीं था, बल्कि भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति का नतीजा था। अमेठी की तरह से अब भाजपा रायबरेली में ऐसी ही चुनौती पेश करने की तैयारी में जुट गई है। स्थानीय कार्यकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर अगले साल सोनिया गांधी के सामने मजबूत उम्मीदवार खड़ा करने की रणनीति बनेगी। पिछली बार भाजपा ने रायबरेली में सोनिया गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वकील अजय अग्रवाल को मैदान में उतारा था। लेकिन अजय अग्रवाल कांग्रेस के तत्काल अध्यक्ष के सामने चुनौती पेश करने में विफल साबित हुए थे।
अमेठी और रायबरेली पर तैयारी ही संकेत है कि भाजपा हर सीट पर पूरी ताकत से उतरेगी। ध्यान रहे कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कई बार कह चुके हैं कि 2019 की जीत 2014 से भी बड़ी होगी। उसी रणनीति के तहत उन्होंने उन 120 सीटों पर भी तैयारी शुरू कर दी थी जो भाजपा हार गई थी। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडू पर विशेष फोकस रखा गया है।
शाह ने केंद्रीय मंत्रियों व वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच सीटों का बंटवारा भी कर दिया था। इस आवंटन को सात आठ महीने का वक्त गुजर चुका है। मंत्रियो के कई दौरे हो चुके हैं, कार्यकर्ताओं का संवाद कार्यक्रम चल रहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार भाजपा जीती हुई कुछ सीटें हार सकती है लेकिन हारी हुई 120 सीटों में 90 जीत भी सकती है। उक्त नेता ने फिर से दावा किया कि भाजपा बहुमत से ज्यादा सीटें जीतेगी।