उत्तराखंड में प्रवासी मजदूरों को लेकर भाजपा ने की पहल, कांग्रेस ने जिम्मा सरकार पर छोड़ा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के मुताबिक बैठक में तय किया गया कि संगठन प्रवासियों की घर वापसी को लेकर विशेष अभियान चलाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में प्रवासियों की बड़ी संख्या में आमद के बाद एकाएक कोरोना पॉजिटिव मामलों में इजाफे ने सत्तारूढ भाजपा को चिंता में डाल दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की मौजूदगी में पार्टी के प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक में इस मसले पर चिंतन किया गया। पार्टी ने तय किया है कि जिस तरह लॉकडाउन के दौरान लोगों को मदद पहुंचाने के लिए प्रदेश भर में अभियान चलाया गया, अब प्रवासियों को लेकर भी उसी तर्ज पर अभियान संचालित किया जाएगा। साथ ही संगठन प्रवासियों और सरकार के मध्य समन्वय बनाने में भी भूमिका निभाएगा। उधर, मुख्य विपक्ष कांग्रेस ने प्रवासियों के इंतजाम की पूरी जिम्मेदारी सरकार पर छोड़ दी है।
कोविड-19 के प्रसार के लिहाज से उत्तराखंड तमाम अन्य राज्यों के मुकाबले कुछ राहत की स्थिति में रहा है। राज्य में शुरुआत में लगभग सभी ऐसे कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए, जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री थी। इसके बाद अप्रैल की शुरुआत में तब्लीगी जमातियों के राज्य में पहुंचने पर कोरोना पॉजिटिव मामलों में अचानक इजाफा हुआ। तीसरी बार चिंता का सबब बने ऋषिकेश एम्स में एक के बाद एक सामने आए कई पॉजिटिव मामले।
अब सबसे बड़ी चुनौती सामने आई है प्रवासियों की घर वापसी के रूप में। प्रवासियों की वापसी के बाद हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह के दौरान पहले बसों और अब ट्रेन एवं निजी वाहनों से लोग बड़ी संख्या में उत्तराखंड लौट रहे हैं।
अब तक 69 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे उत्तराखंड
सरकार के मुताबिक अब तक 69 हजार से ज्यादा लोग उत्तराखंड पहुंच चुके हैं, जबकि कुल 2.07 लाख लोगों ने वापसी के लिए पंजीकरण कराया है। यानी अगले कुछ दिनों में एक से सवा लाख तक लोग अन्य राज्यों से उत्तराखंड आ सकते हैं। स्थिति यह कि पिछले कुछ दिनों में जितने भी कोरोना पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई, वे सभी बाहर से आने वाले ही हैं। इस सबके बीच कुछ दिन पहले तक दूसरे राज्यों से प्रवासी उत्तराखंडियों को वापस लाने के सवाल पर एक-दूसरे को कठघरे में खड़ा करती रही सियासी पार्टियों ने जिस तरह खामोशी अख्तियार की, उसने कई सवाल खड़े कर दिए। खासकर तब, जबकि अपने विस्तृत नेटवर्क के बूते ये पार्टियां सरकारी तंत्र को मदद देने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
गुरुवार को इस मामले में सत्तारूढ भाजपा ने ही पहल की। प्रवासियों के मसले पर भाजपा कोर ग्रुप की गुरुवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक व राज्यमंत्री धनसिंह रावत शामिल हुए।
भाजपा द्वारा चलाया जाएगा विशेष अभियान
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के मुताबिक बैठक में तय किया गया कि संगठन प्रवासियों की घर वापसी को लेकर विशेष अभियान चलाएगा। बताया गया कि प्रवासियों की सहायता के मद्देनजर पार्टी ने जिम्मेदारियां तय कर दी हैं। पार्टी के जिला व प्रदेश कंट्रोल रूम में आने वाली विभिन्न समस्याओं के निदान को तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में बताया गया कि सरकार से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए समन्वय बनाने की जिम्मेदारी प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल को सौंपी गई है।
नियुक्त किए गए प्रभारी
रेल मार्ग से पहुंचने वाले प्रवासियों की सहायता के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। यह भी निर्णय लिया गया कि संगठन समाज के विभिन्न तबकों, व्यापारियों, नेताओं, किसानों, मजदूरों आदि से इस संबंध में फीडबैक लेकर सरकार को इसकी जानकारी देगा। केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज पर चर्चा के दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि इसका फायदा समाज के हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देशित कर दिया गया है।
कांग्रेस जरूरतमंदो को दे रही है भोजन
दूसरी तरफ, कांग्रेस फिलहाल प्रवासियों की मदद के मामले में भाजपा से पिछड़ी नजर आ रही है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वापस आ रहे प्रवासियों का किराया देने को तैयार हैं और इसका ऑफर सरकार को दिया जा चुका है, लेकिन मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार खुद किराया वहन कर रही है। हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस जरूरतमंदों को भोजन, मास्क, सेनिटाइजर देने को सड़कों पर है, यह कार्य निरंतर चल रहा है। जहां तक प्रवासियों का सवाल है, उन्हें क्वारंटाइन करने से लेकर कोरोना जांच जैसी तमाम व्यवस्था सरकार को करनी है। कांग्रेस सत्ता में नहीं है लेकिन व्यवस्था सुधरे, इसके लिए लगातार पार्टी मांग कर रही है।