Move to Jagran APP

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने पर समारोह, देश के कई वाम नेता हुए शामिल, भाजपा ने बोला हमला

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सौ साल पूरे होने के अवसर पर मंगलवार को आयोजित वर्चुअल समारोह में भारत के कम्युनिस्ट (वामपंथी) नेताओं ने भी शिरकत की। भारत में चीनी दूतावास ने यह जानकारी दी। भाजपा ने इस पर करारा हमला बोला है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 08:43 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 12:06 AM (IST)
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने पर समारोह, देश के कई वाम नेता हुए शामिल, भाजपा ने बोला हमला
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सौ साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में भारत के वामपंथी नेताओं ने भी शिरकत की।

नई दिल्ली, एजेंसियां। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सौ साल पूरे होने के अवसर पर मंगलवार को आयोजित वर्चुअल समारोह में भारत के कम्युनिस्ट (वामपंथी) नेताओं ने भी शिरकत की। भारत में चीनी दूतावास ने यह जानकारी दी। प्रेट्र के मुताबिक, चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बावजूद इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए भाजपा ने वामदलों की आलोचना की है। पार्टी का कहना है कि राष्ट्रीय हितों का विरोध और दूसरे देश के प्रति निष्ठा वाम दलों की पुरानी परंपरा है। उनकी निष्ठा भारत के प्रति नहीं, बल्कि रूस और चीन के प्रति है।

loksabha election banner

भारत स्थित चीनी दूतावास द्वारा आयोजित समारोह में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी. राजा, द्रमुक सांसद डीएनवी सेंथिल कुमार और आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक की केंद्रीय समिति के सचिव जी. देवराजन ने हिस्सा लिया। समारोह को संबोधित करते हुए भारत में चीन के राजदूत सन वीडांग ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सौ वर्ष होने पर 170 से अधिक देशों से 600 से अधिक राजनीतिक दलों व संगठनों ने 1,500 से अधिक बधाई संदेश या पत्र भेजे। इनमें भारत से माकपा, भाकपा और आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक शामिल हैं।

समारोह में गलवन की घटना पर वीडांग ने कहा, चीन ने कई मौकों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। गलवन घाटी और पैंगोंग झील इलाकों में सीमा पर तैनात दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए हैं। चीनी राजदूत ने कहा, 'भारत और चीन के संबंध क्षेत्र और दुनिया में शांति और समृद्धि के लिए अहम हैं। हमें अपने द्विपक्षीय रिश्तों को व्यापक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए।'

प्रेट्र के मुताबिक, वाम नेताओं के इस समारोह में हिस्सा लेने पर भाजपा सांसद और पार्टी की बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि जब अमेरिका ने वियतनाम पर आक्रमण किया था तो उन्होंने कम्युनिस्टों को दशकों तक विरोध प्रदर्शन करते देखा था। वे कहा करते थे कि चीन के चेयरमैन ही उनके चेयरमैन हैं। इन्हीं सब कारणों से लोगों ने उन्हें नकार दिया है। बंगाल में 2011 तक सत्ता में रहने के बावजूद वहां से उनका कोई सांसद या विधायक तक नहीं है।

पलटवार करते हुए डी. राजा ने कहा कि राष्ट्रीय हितों के बारे में कोई कम्युनिस्टों को शिक्षा न दे। उन्होंने कहा, 'ब्रिटिश और पुर्तगालियों के खिलाफ लड़ाई में कम्युनिस्ट अग्रिम मोर्चे पर थे। हमने देश की स्वाधीनता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। कोई हमें चुनौती नहीं दे सकता। भारत की स्वाधीनता में भाजपा, जनसंघ या आरएसएस की क्या भूमिका थी? अब वे संसद में अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए इस मुद्दे को उठा रहे हैं।' राजा ने कहा कि सरकार खुद कई मसलों पर चीन से बात कर रही है। सरकार शंघाई सहयोग संगठन, ब्रिक्स और चीन के साथ आर्थिक सहयोग पर बैठकों में हिस्सा ले रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.