Ayodhya Verdict: नेशनल हेराल्ड ने लेख पर मांगी माफी, पाक सुप्रीम कोर्ट से की थी तुलना
नेशनल हेराल्ड के लेख में अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की तुलना पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से की गई।
नई दिल्ली, एजेंसियां। शनिवार को अयोध्या मामले में आए फैसले का स्वागत करने वाली कांग्रेस की परेशानी रविवार को पार्टी के ही मुखपत्र नेशनल हेराल्ड (National Herald) ने बढ़ा दी। इसमें एक लेख प्रकाशित हुआ, जिसमें फैसले के लिए सर्वोच्च न्यायालय की तुलना पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से की गई। हालांकि जब भाजपा ने इस लेख पर ऐतराज जताते हुए कांग्रेस को घेरा तो अखबार ने माफी मांगने के साथ ही वेबसाइट से यह विवादित लेख हटा लिया।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में लेख का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने वही निर्णय दिया जैसा शुरुआत से विश्व हिंदू परिषद और भाजपा वाले चाहते थे। जबकि कोर्ट यह बात मान रहा है की गैरकानूनी तरीके से न सिर्फ मस्जिद गिराई गई, बल्कि विवादित स्थल के नीचे मूर्तियां रखी गई। लेख में दावा किया गया है कि अयोध्या विवाद पर आया फैसला पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की याद दिलाता है जिसने कथित तौर पर पाकिस्तान के तत्कालीन गवर्नर जनरल गुलाम मुहम्मद को अवैध कार्य करने की अनुमति दे दी थी। पात्रा ने कहा कि यह दुखद है कि इस तरह का लेख अखबार में लिखा गया। उन्होंने कहा कि भारत की तरह किसी अन्य देश का न्याय तंत्र पारदर्शी नहीं है। इस लेख ने कांग्रेस के दोहरे चरित्र को उजागर किया है।
सोशल मीडिया से लेख का वीडियो लिंक हटाया
अखबार ने एक माफीनामा ट्वीट किया है। इसमें कहा गया, 'अगर इस लेख से ¨हदू समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं तो हम इसके लिए माफी मांगते हैं। लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं और नेशनल हेराल्ड इनसे सहमत नहीं है।' नेशनल हेराल्ड ने इस लेख से संबंधित लिंक को भी सोशल मीडिया से हटा लिया है।
कांग्रेस नेतृत्व नाराज
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व द्वारा नाराजगी जताए जाने के बाद यह माफीनामा प्रधान संपादक (एडिटर इन चीफ) द्वारा जारी किया गया है। कहा जा रहा है कि जिस तरह नेशनल हेराल्ड ने अपनी वेबसाइट पर यह लेख अपलोड किया है, उससे पार्टी नेतृत्व खासा नाराज है। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा संचालित नेशनल हेराल्ड के ट्रस्ट में वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा भी हैं, लेकिन रोजमर्रा के कामकाज राहुल गांधी के करीबी कनिष्क सिंह देखते हैं।