भाजपा का शिवसेना पर तंज, सरकार बचाने के लिए उद्धव को 10 जनपथ में करना होगा आत्मसमर्पण
भाजपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में तथाकथित नई सेक्युलर सरकार कुछ और नहीं बल्कि अलग-अलग पार्टियों का अवसरवादी गठबंधन है जो एक दूसरे के साथ खड़ी भी नहीं होना चाहतीं।
नई दिल्ली, एएनआइ। भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) को सरकार बचाने के लिए अपनी पार्टी की विचारधारा पूरी तरह छोड़नी पड़ेगी और 10 जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का आधिकारिक निवास) में आत्मसमर्पण करना होगा। सिर्फ इसी तरीके से उनकी सरकार चल सकती है।
उद्धव को बताया गोडसे भक्त
उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में तथाकथित नई सेक्युलर सरकार कुछ और नहीं बल्कि अलग-अलग पार्टियों का अवसरवादी गठबंधन है जो एक दूसरे के साथ खड़ी भी नहीं होना चाहतीं। गांधी परिवार उद्धव को अस्पृश्य के तौर पर देखता है जो उनके साथ मंच भी साझा नहीं करना चाहता।' उद्धव को 'गोडसे भक्त' बताते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी और साथ ही कहा, 'आप और आपके विधायकों ने सल्तनत की निष्ठा की कसम खाई है। इसलिए सामना का नामकरण सोनिया नामा करके इस आत्मसमर्पण को पूरा कीजिए। वे आपके घटिया दर्जे के इस अखबार में बेतुके संपादकीय को बर्दाश्त नहीं करेंगे।'
शिवसेना पर हमलावर हुए गिरिराज सिंह
वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, 'देश में ऐसे दो लोग हैं जो सेक्युलरिज्म का प्रमाणपत्र देते हैं। एक कांग्रेस और दूसरा वह जो हिंदुओं को गाली दे सकता है। इसलिए जो प्रमाणपत्र लेना चाहते हैं उन्हें भी ऐसा ही करना चाहिए।' उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता के लालच में शिवसेना कांग्रेस से प्रमाणपत्र पाने के लिए बेकरार है।
गिरिराज ने दावा किया कि उन्होंने अपने ट्वीट में किसी पार्टी की तुलना मुगलों से नहीं की थी। उन्होंने स्पष्ट किया, 'मैंने सिर्फ इतना कहा था कि सत्ता के लालच में देसी रियासतों और राजाओं ने मुगलों से हाथ मिला लिया था। मुगलों ने इन्हीं कुछ देसी रियासतों की मदद से भारत में अपने साम्राज्य का विस्तार किया था। इसी तरह कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र सरकार का गठन किया गया।'
शिवसेना पर निशाना साधते हुए गिरिराज ने कहा, 'सेक्युलरिज्म के बारे में पूछने पर वह (उद्धव) नाराज कैसे हो सकते हैं? यह सभी टीवी चैनलों पर चल रहा है। सेकुलर की परिभाषा यहां 1976 में आई, लेकिन सनातन धर्म में यह सदियों से है। इसलिए सेक्युलरिज्म हमारे डीएनए में है।'