Cross Voting in MP: भाजपा विधायक ने क्यों किया दिग्विजय के पक्ष में वोटिंग, भोपाल से लेकर दिल्ली तक मामला गर्म
पार्टी हाईकमान की नाराजगी के बाद सोमवार को भाजपा प्रदेश संगठन ने पोलिंग एजेंट उमाशंकर गुप्ता को प्रदेश भाजपा कार्यालय तलब किया।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के आरोपों से घिरे अनुसूचित जाति के विधायक गोपीलाल जाटव के मामले ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक तूल पकड़ लिया है। पार्टी हाईकमान की नाराजगी के बाद सोमवार को भाजपा प्रदेश संगठन ने पोलिंग एजेंट उमाशंकर गुप्ता को प्रदेश भाजपा कार्यालय तलब किया। पार्टी नेताओं ने गुप्ता से पूछा कि जब गोपीलाल जाटव ने क्रॉस वोटिंग की तब उन्होंने जाटव को टोका क्यों नहीं।
गुप्ता से तल्ख लहजे में ये सवाल भी किया गया कि क्रॉस वोट की जानकारी सिर्फ और सिर्फ आपके पास थी तो यह लीक कैसे हुई। अनुसूचित जाति के ही दूसरे विधायक जुगल किशोर बागरी के वोट निरस्त होने के मामले में भी गुप्ता को कठघरे में खड़ा किया गया है। बागरी ने भी वोट डालने से पहले गुप्ता को मतपत्र दिखाया था। राज्यसभा के मतदान वाले दिन गुप्ता ही पोलिंग एजेंट थे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राज्यसभा चुनाव वाले दिन 19 जून को अनुसूचित जाति के दोनों विधायकों ने अपना मतपत्र पोलिग एजेंट उमाशंकर गुप्ता को दिखाया था। क्रॉस वोटिंग के आरोपों से घिरे विधायक गोपीलाल जाटव ने भी संगठन को बताया कि उस समय गुप्ता ने किसी तरह की आपत्ति नहीं उठाई थी। गलत निशान लगाने वाले बागरी से भी उन्होंने कोई बात नहीं कही।
पार्टी नेताओं की मानें तो बाहर निकलकर भाजपा नेता ने ही यह बात किसी से कह दी। प्रदेश संगठन ने इस बात पर आपत्ति जताई कि कांग्रेस के किस विधायक का वोट निरस्त हुआ, अब तक किसी को पता नहीं चला। उन्होंने सारे घटनाक्रम के लिए पोलिंग एजेंट को दोषी माना है। इस संबंध में उमाशंकर गुप्ता से चर्चा करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने मोबाइल फोन रिसीव नहीं किया।
जाटव ने कहा-पार्टी तो मेरी मां है
उधर, क्रॉस वोटिंग के आरोपों से घिरे भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत को सफाई देने पार्टी कार्यालय आए। जाटव ने सफाई में इसे क्रॉस वोटिंग के बजाय मानवीय भूल होना बताया है। उन्होंने कहा कि पार्टी उनकी मां जैसी है। वह जानबूझकर गलती नहीं कर सकते। मुलाकात के बाद वे मीडिया के सवालों से बचने के लिए पिछले दरवाजे से निकल गए।
इससे पहले जाटव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी मुलाकात कर मामले में सफाई दी है। गौरतलब है कि 19 जून को तीन सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में जाटव को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को वोट देना था, लेकिन उनका वोट कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के खाते में गया।