राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से मिले चंदे पर नड्डा ने सोनिया से पूछे 10 सवाल, आप भी जानें
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) ने सोनिया गांधी से एक के बाद एक कुल 10 सवाल पूछे हैं। जानियें भाजपा अध्यक्ष ने सोनिया गांधी से कौन कौन से सवाल पूछे हैं...
नई दिल्ली, एजेंसियां। राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को विभिन्न स्रोतों से धन मिलने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 सवालों के जवाब मांगे। नड्डा ने कहा कि चीन और भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी से कितनी रकम मिली और बदले में उन्हें क्या लाभ दिया गया यह देश की आवाम को बताया जाए। उन्होंने दोहरे चरित्र वाले नेताओं का पर्दाफाश करने के लिए कोई कसर न छोड़ने की बात कहते हुए यह भी आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह ने वित्तमंत्री रहते 1991 के बजट में फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपए दिए थे।
कितना पैसा लिया और क्या घात किए
भाजपा अध्यक्ष ने अगला सवाल किया कि 130 करोड़ देशवासी जानना चाहते हैं कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से कितना पैसा हासिल किया था? कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए क्या-क्या काम किए और किस तरह से देश के विश्वास के साथ घात किया है।
चीन ने पैसा क्यों दिया
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं सोनिया गांधी से कहना चाहता हूं कि वे चीन और कोरोना संकट की आड़ में बचने का प्रयास न करें और इन सवालों का जवाब दें जिसे पूरा देश सुनना चाहता है। देश जानना चाहता है कि चीन की ओर से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों दिया गया? यह शर्मनाक है। विदेशी ताकतों से अपने निजी ट्रस्ट के लिए चंदा लेकर देश के हितों का बलिदान कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सेना सरहदों की रक्षा करने में सक्षम है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश सुरक्षित है। प्रधानमंत्री कोरोना संकट से भी बहुत कुशलता से निपट रहे हैं।
2005 से 2009 तक हर साल लिया चीन से पैसा
नड्डा ने आरोप लगाया कि सोनिया की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन ने 2005 से 2009 तक हर साल नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास से बड़ी रकम चंदे के रूप में ली। वर्ष 2006 से 2009 तक फाउंडेशन को टैक्स हैवेन लक्जेमबर्ग से भी भारी चंदा मिलता रहा। इससे क्या संकेत मिलता है? इससे यही साबित होता है कि ऐसे एनजीओ और कंपनियां जिनके भारत में गहरे व्यापारिक हित हैं उन्होंने फाउंडेशन को भरपूर पैसा दिया।
आरोपों पर लगी मुहर
नड्डा ने कहा कि हमने कुछ दिन पहले ट्वीट करके राजीव गांधी फाउंडेशन पर सवाल उठाए थे... आज पी चिदंबरम कहते हैं कि फाउंडेशन उस पैसे को लौटा देगा। देश का पूर्व वित्त मंत्री जो खुद बेल पर हो उसका यह बयान एक स्वीकरोक्ति है कि देश के अहित में फाउंडेशन ने नियम की अवहेलना करते हुए फंड लिए।
RCEP का हिस्सा बनने की क्या जरूरत थी?
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि RCEP (Regional Comprehensive Economic Partnership) ना तो किसानों... ना MSME और ना ही अन्य क्षेत्रों के हित में है। पीएम मोदी भी इसमें शामिल नहीं हुए। फिर RCEP का हिस्सा बनने की क्या जरूरत थी? चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 1.1 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 36.2 बिलियन अमरीकी डॉलर कैसे हो गया?
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से क्या MoU साइन हुए
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज देश जानना चाहता है कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच क्या रिश्ता है? दोनों के बीच हस्ताक्षरित और गैर हस्ताक्षरित MoU क्या हैं? देश की जनता इसका जवाब जानना चाहती है कि पीएम नेशनल रिलीफ फंड जो लोगों की सेवा और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए है... उससे 2005-08 तक राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों जारी किया गया?
मेहुल चौकसी से चंदा क्यों लिया
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मेहुल चोकसी को लेकर आप गला फाड़ते रहे। सरकार से सवाल पूछने में आप सारी मर्यादाएं भूल गए लेकिन राजीव गांधी फाउंडेशन से वह कैसे जुड़ा। मेहुल चौकसी से राजीव गांधी फाउंडेशन में पैसा क्यों लिया गया? मेहुल चौकसी को लोन देने में मदद क्यों की गई?
राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को दान कैसे दे दिया
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन यानी आरजीएफ ने न केवल जगह-जगह से पैसा लिया बल्कि गांधी परिवार द्वारा नियंत्रित राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को भी चंदा दिया। मैं जानना चाहूंगा कि राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को दान कैसे दे दिया गया जो एक परिवार द्वारा नियंत्रित है?
मनमोहन ने राजीव गांधी फाउंडेशन को दिए 100 करोड़
भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने यह भी खुलासा किया कि मनमोहन सिंह ने वित्तमंत्री रहते 1991 के बजट में फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये दिए थे। उन्होंने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि जिस बेशकीमती जमीन पर जवाहर भवन बना है वह भूमि राजीव गांधी फाउंडेशन को स्थायी पट्टे पर क्यों दी गई। इतनी महंगी जमीन फाउंडेशन को देने का निर्णय किस आधार पर किया गया।
क्या छिपाना चाहती हैं सोनिया गांधी
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने 1991 के बजट में फाउंडेशन को 100 करोड़ का आवंटन किया फिर भी इस फाउंडेशन का कैग ऑडिट नहीं कर सकता है। न ही यह संस्था आरटीआइ के दायरे में आती है। उन्होंने कहा कि मैं मनमोहन सिंह से पूछता हूं कि सोनिया गांधी क्या छिपाना चाहती हैं। सरकारी धन की इस तरह की लूट-खसोट पर डॉ. सिंह क्या कहना चाहेंगे। आरजीएफ ने न केवल जगह-जगह से पैसा लिया बल्कि गांधी परिवार द्वारा नियंत्रित राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को चंदा दिया भी है।
चंदे के लिए दबाव क्यों बनाया
नड्डा ने बड़े यह भी पूछा कि जनता यह जानना चाहती है कि यूपीए शासन में कई केंद्रीय मंत्रालयों, सेल, गेल, एसबीआई, अन्य पर राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा देने के लिए क्यों दबाव बनाया गया। तत्कालीन पीएम नेशनल रिलीफ फंड का ऑडिटर कौन था?
क्या चाह रही थी सरकार
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ठाकुर वैद्यनाथन एंड अय्यर कंपनी राजीव गांधी फाउंडेशन की ऑडिटर थी। रामेश्वर ठाकुर इसके फाउंडर थे। वह राज्य सभा के सांसद थे और चार राज्यों के राज्यपाल भी रहे। कई दशकों तक उसके ऑडिटर रहे... ऐसा क्यों? देश जानना चाहता है कि ऐसे लोगों ऑडिटर बनाकर क्या सरकार करना चाह रही थी।
कांग्रेस को बताया भ्रष्टाचार का पर्याय
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्याय हैं। हमारी पार्टी देश के विकास के लिए इसका चेहरा बदलने में लगी है। इसके साथ ही हम दोहरे चरित्र वाले नेताओं का पर्दाफाश करने में कोई कसर नहीं उठा रखेंगे। उन्होंने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि वह चीन और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ किए गए समझौतों पर देश के सामने खुद को पाक-साफ साबित करे।