तेदेपा के दो सांसदों के खिलाफ राज्यसभा की आचार समिति में शिकायत
भाजपा सांसद ने अपने पत्र में लिखा कि आचार समिति का दायित्व सांसदों के उच्च मानक को सुनिश्चित करना है।
अमरावती, एपी/आइएएनएस। भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने राज्यसभा की आचार समिति को तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) के दो सांसदों सीएम रमेश और वाइएस चौधरी के खिलाफ पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने दोनों तेदेपा सांसदों पर वित्तीय घपले और धांधली के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही इन दोनों सांसदों को अयोग्य घोषित करने की अपील की है।
राज्यसभा की आचार समिति के अध्यक्ष नारायण लाल पंचारिया को लिखे पत्र के संबंध में गुरुवार को भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने बताया कि तेदेपा के इन दो सदस्यों ने धांधली में 'आंध्र के माल्या' का खिताब हासिल कर लिया है। इससे संसद की गरिमा और जनता के विश्वास को ठेस पहुंची है। विजय माल्या के कारण राज्यसभा की छवि को पहले ही गहरा धक्का लग चुका है। तेदेपा सांसद वाइएस चौधरी का मामला इससे भी घातक है क्योंकि उनके कारोबार अभी भी लुके-छिपे ढंग से चल रहे हैं। राजनीतिक पहुंच और रसूख के चलते हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है। वहीं, तेदेपा के दूसरे सांसद सीएम रमेश बेनामी संपत्ति के मामलों में लिप्त हैं। उन पर हजारों करोड़ रुपये का आयकर भी बकाया है। सार्वजनिक जीवन में उनका आचरण संसद सदस्य होने के योग्य नहीं है।
गंभीर वित्तीय धांधली के मामलों का आरोप लगाते हुए भाजपा सांसद राव ने कहा कि चौधरी पर कई सरकारी बैंकों से धांधली करने का आरोप है। उनकी कंपनियों के खिलाफ कई एफआइआर भी दर्ज हो चुकी हैं। लिहाजा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके खिलाफ मामलों की जांच कर रहा है। ईडी की अब तक की जांच में पता चला है कि चौधरी ने बैंकों से 5,700 करोड़ रुपये का कर्ज लिया हुआ है। और फिर इस रकम को कुछ फर्जी कंपनियों के हवाले कर दिया है।
भाजपा सांसद ने अपने पत्र में लिखा कि आचार समिति का दायित्व सांसदों के उच्च मानक को सुनिश्चित करना है। इसलिए वह तेदेपा के इन दोनों सांसदों की लिखित शिकायत कर रहे हैं। ताकि इन दोनों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जा सके। संसद के मान-सम्मान को बहाल किया जा सके। उन्होंने राज्यसभा सदस्य चौधरी को आचार समिति से अलग रखने की अपील की क्योंकि वह इस समिति के सदस्य हैं और शिकायत उन्हीं के खिलाफ है।
राज्यसभा में भाजपा सदस्य राव ने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू इन दोनों सांसदों को बचाने के लिए ही सीबीआइ को आंध्र प्रदेश में आने से रोक दिया है। इस संबंध में जब तेदेपा के प्रवक्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया है।