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पश्चिम बंगाल में सीएए पर हो रहे प्रदर्शन पर ममता सरकार को भाजपा सांसद ने बताया शिखंडी

भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों पर जब अत्याचार होता है तो कोई प्रदर्शन नहीं होता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 06:39 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 06:42 PM (IST)
पश्चिम बंगाल में सीएए पर हो रहे प्रदर्शन पर ममता सरकार को भाजपा सांसद ने बताया शिखंडी
पश्चिम बंगाल में सीएए पर हो रहे प्रदर्शन पर ममता सरकार को भाजपा सांसद ने बताया शिखंडी

नई दिल्ली, प्रेट्र। भाजपा सांसद दिलीप घोष ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों पर सवाल खड़े करते हुए मंगलवार को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को 'शिखंडी' कह दिया।

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दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के शासन वाले पश्चिम बंगाल में वोट की खातिर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का स्वागत होता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 'वापस जाओ' के नारे लगाए जाते हैं। ममता सरकार अभी तक सीएए के विरोध हो रहे प्रदर्शनों को नहीं रोक पायेगी।

सीएए को सबसे ज्यादा जरूरत पश्चिम बंगाल को: घोष

उल्लेखनीय है महाभारत के पात्र शिखंडी को नपुंसक की श्रेणी में रखा जाता है। इस शब्द का प्रयोग अपमानजनक माना जाता है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा को आगे बढ़ाते हुए घोष ने यह भी कहा कि सीएए की सबसे ज्यादा जरूरत पश्चिम बंगाल को थी जहां बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए प्रताड़ित लोग लंबे समय से न्याय का इंतजार कर रहे थे।

बांग्लादेश और पाक के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्यचार में कोई प्रदर्शन नहीं

उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों पर जब अत्याचार होता है तो कोई प्रदर्शन नहीं होता है। घोष ने दावा किया कि प.बंगाल में सीएए विरोधी सभाओं एवं जुलूसों के लिए आराम से इजाजत दी जाती है, लेकिन प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करने के कार्यक्रम को इजाजत नहीं मिलती।

जदयू के राजीव रंजन सिंह ने कहा कि सीएए को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। राजनीति करनी चाहिए, लेकिन देश की एकता और अखंडता के नाम राजनीति नहीं करनी चाहिए।


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