VIDEO: अधिकारी की पिटाई मामले में आकाश विजयवर्गीय को नहीं मिली जमानत, न्यायिक हिरासत में भेजे गए
VIDEOभाजपामहासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को निगम अधिकारी को बैट से पिटार्इ के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी जमानत को नामंजूर कर दिया गया।
इंदौर, एएनआइ। भाजपा के प्रमुख नेता और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को निगम अधिकारी को बैट से पिटार्इ् के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी गुंडागर्दी का वीडियो सामने आया था। वीडियो में साफतौर पर दिख रहा था कि आकाश विजयवर्गीय नगर निगम अधिकारी को क्रिकेट बैट से पिटाई कर रहे हैं। यहीं नहीं, वहां मौजूद आकाश विजयवर्गीय के समर्थक भी निगम अधिकारी को पीटते हुए नजर आए।
बाद में आकाश विजयवर्गीय को निगम अधिकारी को बैट से पिटार्इ् के मामले में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, आकाश को कोर्ट में ले जाते वक्त समर्थकों ने जमकर हंगामा किया।
#WATCH BJP MLA Akash Vijayvargiya (son of senior BJP leader Kailash Vijayvargiya) being taken to court, after he was arrested for thrashing a Municipal Corporation employee in #Indore. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/RxWsHGDPrN — ANI (@ANI) June 26, 2019
जानकारी के मुताबिक आरोपी भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय की इंदौर अदालत ने जमानत याचिका नामंजूर कर दी। वहीं अब उन्हें 7 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
बता दें कि भाजपा विधायक की इस हरकत पर गृह मंत्री बाला बच्चन ने भी सख्त कार्रवाई की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि घटना से भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है।
आकाश विजयवर्गीय की चेतावनी
आकाश विजयवर्गीय ने पूरी घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि देखिए, यह सिर्फ शुरुआत है। हम इस भ्रष्टाचार और गुंडई को खत्म करके रहेंगे। 'आवेदन, निवेदन और फिर दना दन’, यह हमारा कदम होगा। आपको बता दूं कि गैंग ने महिलाओं को उनके घरों से बाहर खींच लिया, महिला पुलिस को उनके साथ होना चाहिए था। जब मैं वहां पहुंचा, तब लोग अधिकारियों पर गुस्सा थे और वे उनका पीछा कर रहे थे। हम पुलिस स्टेशन पर उन अधिकारियों पर एफआइआर दर्ज कराने आए हैं।
बताया जा रहा है कि नगर निगम की टीम गंजी कंपाउंड में एक जर्जर मकान को तोड़ने के लिए पहुंची थी। इस दौरान विधायक आकाश विजयवर्गीय भी वहां पहुंच गए। आकाश ने निगम के अधिकारियों को वहां से पांच मिनट के अंदर चले जाने की धमकी दी। इसके बाद निगम के अधिकारियों और विधायक के बीच विवाद हो गया और मारपीट होने लगी।
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