MP Politics: कमल नाथ से मिलने उनके अावास पहुंचे शिवराज सिंह चौहान
मध्यप्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने उनके अावास पर पहुंचे।
भोपाल, एएनआई। मध्यप्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने उनके अावास पर पहुंचे। कमल नाथ आज ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए हैं।
कमलनाथ के इस्तीफे के बाद अब मप्र में दो स्थितियां होंगी। पहली राज्यपाल मौजूदा स्थिति में सबसे बड़े दल भाजपा से सरकार बनाने का दावा पेश करने को कह सकते हैं। भाजपा इसे स्वीकार कर सरकार बना सकती है। दूसरी राज्यपाल के कहने से पहले ही भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। वह विधायकों की दोबारा परेड करा सकती है और समर्थन पत्र सौंप सकती है।
शिवराज रिकॉर्ड चौथी बार सीएम बन सकते हैं
भाजपा की सरकार बनने की स्थिति में सीएम पद के सबसे बड़े दावेदार शिवराज सिंह चौहान ही हैं। वे 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे फिर सीएम बनते हैं तो ये मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं।
17 दिन चले राजनीतिक ड्रामे का हुआ अंत
बता दें कि मध्य प्रदेश का राजनीतिक ड्रामा 17 दिन पहले शुरू हुआ था। भाजपा और कांग्रेस के बीच जारी खींचतान सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी और शीर्ष अदालत ने शुक्रवार शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। हालांकि, इससे 4:30 घंटे पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया। वे शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे मीडिया के सामने आए। करीब 25 मिनट बोले।
15 महीने पुरानी अपनी सरकार की 20 उपलब्धियां गिनाईं और 16 बार कहा कि भाजपा को हमारे काम रास नहीं आए। उन्होंने कहा कि भाजपा सोचती है कि वह मेरे प्रदेश को हराकर जीत सकती है। वह न मेरे प्रदेश को हरा सकती है और न मेरे हौसले को हरा सकती है।
कमल नाथ अपने विधायकों को निराश न होने को कहा
मप्र के कार्यवाहक सीएम कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस विधायक निराश न हों 'कांग्रेस विधायक निराश न हों। गलत तरीके मिली जीत लंबे समय तक नहीं टिकती है। कई जीतते हुए लोगों को हारते देखा है। लोकतांत्रिक मूल्यों को परेशान किया जा सकता है, लेकिन खत्म नहीं किया जा सकता है। वह दौर भी देखा है जब इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थीं। ऐसा लगता था कि कांग्रेस कभी दोबारा लौटकर नहीं आएगी। मगर हम वापस मजबूती से लौटेगे।