कर्नाटक के सिंहासन की जंग के बीच BJP ने याद दिलाए राजीव गांधी, कहा- कांग्रेस हमें न दे उपदेश
कर्नाटक में सियासी ड्रामे के बीच भाजपा ने कांग्रेस को जमकर निशाने पर लिया। भाजपा बोली, राज्यपाल ने संविधान के तहत काम किया।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। कर्नाटक के सियासी ड्रामे के बीच भाजपा ने कांग्रेस को निशाने पर लिया है। कांग्रेस पर जनादेश लूटने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कहा कि राज्यपाल ने संविधान के तहत काम किया है। वहीं, राज्यपाल वजुभाई वाला को भाजपा की कठुपलती बोलने पर भी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कांग्रेस को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के 1989 में लिए फैसले को भी याद दिलाया।
कांग्रेस पर बरसे रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के उस बयान का भी घेराव किया, जिसमें उसने कहा था कि अगर राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता नहीं दिया, तो राज्य में हिंसा होगी। उन्होंने कांग्रेस के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि उसने गैर-जिम्मेदाराना रणनीति का सहारा लिया है। बता दें कि कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाने के लिए जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को समर्थन दिया है। कांग्रेस और जेडीएस के पास कुल 115 विधायक हैं, जो बहुमत के पार है। जबकि भाजपा 104 सीटों के साथ राज्य में सबकी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दल का आरोप है कि भाजपा अन्य पार्टियों के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही थी, इसे 'अवमानना के योग्य' से खारिज कर दिया जाना चाहिए।
इसलिए गोवा-मणिपुर का उदाहरण गलत
पत्रकारों द्वारा कांग्रेस के दावे के बारे में पूछे जाने पर कि राज्यपाल को गोवा और मणिपुर के उदाहरण का पालन करना चाहिए था, जहां कांग्रेस एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, लेकिन भाजपा और उसके सहयोगियों को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी ने दोनों राज्यों में कभी भी सरकार बनाने का दावा नहीं पेश किया।
सरकारिया और एमएम पुंछी आयोग का हवाला
रविशंकर प्रसाद ने सरकारिया और एमएम पुंछी आयोग का हवाला देते हुए कहा कि सरकारिया आयोग में तीन बातें साफ कहीं गई हैं। आयोग की सिफारिश के मुताबिक चुनाव पूर्व गठबंधन को राज्यपाल पहले सरकार बनाने के लिए बुला सकते हैं। दूसरा, चुनाव में जो सबसे बड़ी पार्टी होती है, राज्यपाल को उसे सरकार गठन के लिए आमंत्रित करना होता है। इसके बाद के क्रम के मुताबिक चुनाव के बाद हुए गठबंधन को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल द्वारा आमंत्रित करने की बात कही गई है। एमएम पुंछी आयोग ने भी सरकारिया कमीशन के इस क्रम वाले फैसले को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल का निर्णय इन दो रिपोर्टों के अनुरूप था।
राजीव गांधी के फैसले का किया जिक्र
प्रसाद ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान द्वारा राष्ट्रपति और राज्यपालों को दी गई विवेकाधीन शक्तियों पर भी सहमति व्यक्त की है और कहा है कि इसे मनमाने ढंग से नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि 1989 में राजीव गांधी को सबसे बड़ी पार्टी के नेता के रूप में न्योता दिया गया था। उस समय कांग्रेस को 193 सीट मिली थी, लेकिन राजीव गांधी ने यह कहकर सरकार बनाने से मना कर दिया था कि मैनडेट उनके खिलाफ है।
निशाने पर सोनिया-राहुल
प्रसाद ने कहा, 'मैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी से पूछना चाहता हूं कि उनकी पार्टी संविधान और लोकतांत्रिक मानदंडों की हमें सीख दे रही है, लेकिन क्या वे अपने परिवार की विरासत को भूल गए हैं।' उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जनादेश कांग्रेस के खिलाफ रहा। उनकी संख्या 122 से घटकर 78 हो गई है। जबकि सिद्दारमैया भी अपने एक निर्वाचन क्षेत्र से हार गए हैं, वहीं उनके 16 मंत्रियों को भी हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा को राज्य में 104 सीटें हासिल हुई हैं, जो बहुमत से केवल कुछ सीटें दूर हैं। कांग्रेस राज्य में अपनी हार को बर्दाश्त नहीं कर पाई है और इसलिए चुनाव के दौरान जिस जेडीएस पर वो हमलावर हो रखी थी, आज उसी की ऊंगली थाम ली है। उन्होंने आरोप लगाया, 'कांग्रेस जनादेश लूटने की कोशिश कर रही है।' प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस हमें उपदेश नहीं दे सकती है, क्योंकि उसका संविधान का मजाक उड़ाए जाने का इतिहास रहा है।