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कर्नाटक में सस्पेंस खत्म, येद्दयुरप्पा को सरकार गठन का आमंत्रण; अाज लेंगे शपथ

दिनभर चले सियासी नाटक के बाद कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा विधायक दल के नेता बीएस येद्दयुरप्पा को बुधवार रात सरकार बनाने का न्योता दे दिया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 09:35 PM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 07:08 AM (IST)
कर्नाटक में सस्पेंस खत्म, येद्दयुरप्पा को सरकार गठन का आमंत्रण; अाज लेंगे शपथ
कर्नाटक में सस्पेंस खत्म, येद्दयुरप्पा को सरकार गठन का आमंत्रण; अाज लेंगे शपथ

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी नतीजों के बाद उलझे कर्नाटक में लगभग तीस घंटे की खींचतान के बाद यह तय हो गया कि ताज भाजपा के येद्दयुरप्पा के सिर बंधेगा। बुधवार की देर रात राज्यपाल वजुभाई वाला ने सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर येद्दयुरप्पा को सरकार गठन का आमंत्रण दे दिया है। माना जा रहा है कि बिना देर किए येद्दयुरप्पा अाज सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। अगले 15 दिनों में उन्हें विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा।

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मंगलवार को त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने के साथ ही बंगलूरू में शह मात का खेल शुरू हो गया था। दूसरे नंबर पर खड़ी कांग्रेस ने तत्काल तीसरे नंबर की पार्टी जदएस के नेता कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने का न्यौता देकर भाजपा की राह रोकने की कोशिश की थी। भाजपा की ओर से भी राज्यपाल के समक्ष दावा किया गया था। बताते हैं कि मंगलवार की शाम से बुधवार की शाम तक राज्यपाल ने कई कानूनी विशेषज्ञों से राय मशविरा किया। जमीनी स्तर से आ रही खबरों के हवाले से यह परखने की कोशिश भी की कि कौन सा धड़ा स्थायी सरकार दे सकता है।

बताते हैं कि 2004 की स्थिति पर ध्यान दिलाया गया जब कांग्रेस और जदएस ने मिलकर सरकार गठन किया था लेकिन वह गिर गई। दरअसल, इस बीच यह खबरें भी तेज रहीं कि जदएस और कांग्रेस के लिंगायत विधायक अपने नेतृत्व के फैसले से असंतुष्ट हैं। ऐसे में वह लिंगायत नेता येद्दयुरप्पा को समर्थन दे सकते हैं। इन अटकलों को तब और बल मिला जब इन दलों की ओर से आरोप लगाया गया कि भाजपा उनके कुछ विधायकों को तोड़ रही है।

सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस और जदएस के संयुक्त दावे से पहले राज्यपाल ने भाजपा को बुलावा देने का मन इसलिए भी बनाया क्योंकि उनका चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं था। चूंकि कर्नाटक में राजनीतिक तेवर गर्म है और इस आशंका से भी इनकार नहीं है कि जदएस व कांग्रेस कार्यकर्ता की नाराजगी से अशांति फैल सकती है। लिहाजा भाजपा नेतृत्व ने गुरुवार की सुबह ही नौ बजे शपथ ग्रहण का फैसला लिया है। कर्नाटक में भाजपा के प्रभारी मुरलीधर राव ने बताया कि वह अकेले ही शपथ लेंगे और बाद में मंत्रिमंडल शपथ लेगा।

दिनभर चले सियासी नाटक के बाद रात में फैसला

-12.15 : येद्दयुरप्पा भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए। तुरंत राज्यपाल से मिले व सरकार बनाने का दावा पेश किया।
-12.15 : एचडी कुमारस्वामी जदएस विधायक दल के नेता बने।
-12.40 : कुमारस्वामी का आरोप, भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रही।
-1.55 : केंद्रीय मंत्री जावडे़कर ने रिश्वत का आरोप खारिज किया।
-2.05 : सिद्दरमैया ने पीएम मोदी पर खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
-शाम 5.50 बजे : जदएस-कांग्रेस गठबंधन ने 117 विधायकों के समर्थन की सूची के साथ राज्यपाल के समक्ष दावा पेश किया।
-रात : 8 बजे : राज्यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा विधायक दल के नेता येद्दयुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दे दिया


जदएस-कांग्रेस ने 117 विधायकों की सूची सौंपी
बुधवार शाम कांग्रेस व जदएस के विधायकों को बसों व अन्य वाहनों में भरकर राजभवन ले जाया गया। जदएस नेता कुमारस्वामी और कांग्रेस नेता जी. परमेश्वरन ने राज्यपाल वजुभाई से मुलाकात की। उन्होंने विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा। मुलाकात के बाद कुमारस्वामी ने कहा कि हमारे पास 117 विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस के 78 में से 75 कांग्रेस विधायकों ने जदएस के समर्थन में हस्ताक्षर किए हैं। जदएस ने सहयोगी बसपा समेत अपने सभी 38 विधायकों के साथ का दावा किया था।
येद्दयुरप्पा चुने गए विधायक दल के नेता
राज्यपाल से मुलाकात के बाद येद्दयुरप्पा ने कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में जल्द से जल्द शपथ दिलाने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने कहा कि वे जल्द इस बारे में उपयुक्त फैसला लेंगे। भाजपा विधायक सुरेश कुमार के मुताबिक देर शाम राज्यपाल ने पहले सबसे ब़़डे दल के रूप में भाजपा को अवसर देने का फैसला किया।
कांग्रेस की बैठक में नहीं पहुंचे 12 विधायक
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 78 में 66 विधायक ही पहुंचे। यानी 12 विधायक नदारद रहे। वहीं जदएस के भी दो विधायकों के गायब होने की खबर है। हालांकि दोनों दलों ने दावा किया है कि ये विधायक पार्टी के संपर्क में हैं। कोई विधायक गायब नहीं है।


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