राम माधव बोले- आसान नहीं था गठबंधन तोड़ना, लेकिन व्यापक हित में लिया फैसला
भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से समर्थन वापस लेकर सरकार गिराना उनके लिए हजम कर पाना आसान नहीं था।
नई दिल्ली [आइएएनएस]। भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से समर्थन वापस लेकर सरकार गिराने के फैसले को उनके लिए हजम कर पाना आसान नहीं था। लेकिन यह फैसला राज्य और भारत के लोगों के व्यापक हित में है।
राम माधव ने बुधवार को कहा कि इस गठबंधन को साकार करने वाले अहम लोगों में वह भी थे। समझौते के एजेंडा एग्रीमेंट को तैयार करने में पीडीपी नेता हसीब ड्रबू के साथ 40 दिनों तक चर्चा करते रहे थे। राम माधव ने कहा कि जब उन्हें गठबंधन टूटने की बात का पता चला तो उनके लिए इसे स्वीकार करना सहज नहीं था।
भाजपा और पीडीपी के बीच दरार को लेकर उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई पर विराम लगाने के बावजूद घाटी में हालात सामान्य करने को लेकर राजनीतिक कार्यकर्ताओं की कोई भूमिका नजर नहीं आ रही थी। इसके बावजूद पीडीपी इसी बात पर अड़ी थी कि केंद्र सरकार पाकिस्तान से वार्ता करे, पत्रकार शुजात बुखारी की दिनदहाड़े हत्या के बावजूद संघर्षविराम को आगे भी बढ़ाया जाए। हमें लगा कि मतभेद बढ़ते ही जा रहे हैं और राष्ट्रीय अखंडता अधिक जरूरी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने गठबंधन धर्म निभाने की पूरी कोशिश की लेकिन गठबंधन खत्म करने की उन्हें पूर्व जानकारी देने के लिए महबूबा से संपर्क नहीं हो सका था। राज्यपाल को फैक्स संदेश भेजने से पहले महबूबा से संपर्क साधने की उन्होंने भरपूर कोशिश की थी। माधव ने यह भी कहा कि अलगाववादी हुर्रियत के नेताओं को बातचीत की मेज पर लाने की कोशिश में खासी प्रगति की है।