धुर विरोधी भाजपा और कांग्रेस ने हाथ मिलाकर रचा रोचक राजनीतिक समीकरण
मिजोरम में भाजपा चकमा स्वायत्त जिला परिषद पर काबिज होने की तैयारी में है। हालांकि उसे यहां सत्ता कांग्रेस के छह सदस्यों के समर्थन से मिलेगी।
आइजल, प्रेट्र। मिजोरम में भाजपा चकमा स्वायत्त जिला परिषद (सीएडीसी) पर काबिज होने की तैयारी में है। हालांकि उसे यहां सत्ता कांग्रेस के छह सदस्यों के समर्थन से मिलेगी। मिजोरम के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि ऐसा खंडित जनादेश के चलते हो रहा है।
मिजोरम की जिला परिषद में भाजपा और कांग्रेस ने मिलाया हाथ
-भाजपा चकमा स्वायत्त जिला परिषद पर काबिज होने की तैयारी में
-सीएडीसी में छह कांग्रेस सदस्यों ने भाजपा को दिया समर्थन
बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा से लगे दक्षिण-पश्चिमी मिजोरम में सीएडीसी आदिवासी चकमा लोगों के लिए एक स्वायत्त परिषद है। यहां परंपरागत धुर विरोधी भाजपा और कांग्रेस ने हाथ मिलाकर एक रोचक राजनीतिक समीकरण रच दिया है।
भाजपा नेता ने बताया कि उनकी पार्टी सीएडीसी में अपने पांच सदस्यों के साथ 1972 में छठी अनुसूची के तहत गठित जिला परिषद का नेतृत्व करेगी। राज्य के खेल मंत्री और कांग्रेस नेता जोडिन्टलुंगा ने बताया कि स्थानीय नेताओं की सहमति के बाद 25 अप्रैल को चुनाव बाद यह गठबंधन हुआ। लेकिन इस गठजोड़ का दिल्ली से कोई लेना-देना नहीं और नाही विधानसभा चुनाव में इसका असर पड़ेगा।
हालांकि भाजपा के सूत्रों ने (तब) कहा था कि पार्टी उन निर्वाचित सीएडीसी सदस्यों पर कार्रवाई करेगी जो कांग्रेस के साथ गठबंधन को थोप रहे हैं। लेकिन बाद में पार्टी नेतृत्व समझौते के लिए सहमत हो गया। चूंकि छह कांग्रेस सदस्यों ने गठबंधन में शामिल होने पर सहमति जता दी।
भाजपा नेता ने बताया कि इन सदस्यों ने कांग्रेस की पहचान छोड़ते हुए यूनाइटेड लेजिस्लेचर पार्टी (यूएलपी) बना ली है। यूएलपी ने भाजपा के शांति जिबन चकमा को अपना नेता चुना है और कांग्रेस के बुद्ध लीला चकमा को अपना उप नेता चुना है। चकमा ने सीएडीसी की कार्यकारी समिति बनाने के लिए अपना दावा पेश कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि बीस सदस्यीय सीएडीसी के 20 अप्रैल को हुए चुनाव में मिले-जुले नतीजे आए। मिजो नेशनल फ्रंट को छह सीटें, कांग्रेस को छह और भाजपा को पांच सीटें मिली हैं। फुटुली सीट पर चुनाव गुवाहाटी हाईकोर्ट ने रुकवा दिया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि एनएनएफ को आठ सीटों के साथ भाजपा से गठबंधन की उम्मीद थी। लेकिन उसके सदस्य को चीफ एक्जिक्यूटिव बनाने की मांग ठुकरा दी गई।