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भाजपा के सहयोगी दल MNF ने कहा- अमित शाह कोई भगवान नहीं, जो हर भविष्यवाणी सच हो

अमित शाह की 50 साल राज करने वाली भविष्यवाणी केंद्र में उनके सहयोगी दल MNF ने ही भरोसा नहीं जताया है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 11:34 AM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 11:34 AM (IST)
भाजपा के सहयोगी दल MNF ने कहा- अमित शाह कोई भगवान नहीं, जो हर भविष्यवाणी सच हो
भाजपा के सहयोगी दल MNF ने कहा- अमित शाह कोई भगवान नहीं, जो हर भविष्यवाणी सच हो

आइजोल, एजेंसी। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल मिजो नेशनल फ्रंट ने कहा कि अमित शाह कोई भगवान नहीं हैं जो उनकी हर भविष्यवाणी सच हो। दरअसल, अमित शाह ने कहा था कि अगर भाजपा 2019 का आम चुनाव जीत जाती है तो अगले 50 साल तक कोई पार्टी उन्हें हरा नहीं पाएगी। शाह की इस भविष्यवाणी पर मिजोरम में मुख्य विपक्षी दल ने ही भरोसा नहीं जताया है, हालांकि दल का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस या यूपीए की सरकार नहीं बनेगी। 

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पूर्व मुख्यमंत्री और एमएनएफ के चीफ जोरामथंगा से जब अमित शाह के 50 साल तक जीत के दावे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे संदेह है। वह (शाह) कोई भगवान नहीं हैं। राजनीति वह ऐसी भविष्यवाणी नहीं कर सकते, कोई भी नहीं कर सकता। यहां तक कि मोदी भी नहीं। यह उनकी कामना हो सकती है पर कोई भी ऐसी संभावना नहीं जता सकता।' उन्होंने कहा, '2019 में केंद्र में कांग्रेस की सत्ता नहीं आएगी और न ही कोई ये कह सकता है कि उन्हें अगली सरकार बनाने में कितना वक्त लगेगा।'

संगमा ने कहा,  'शाह ऐसा तो बोल सकते हैं कि कांग्रेस सत्ता में नहीं आ रही है लेकिन अगले 50 या 100 साल को लेकर कुछ कहना अतिश्योक्ति है। बता दें कि सितंबर में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अमित शाह ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहनत के बूते पार्टी 2019 का चुनाव जीतेगी और उसके बाद अगले 50 सालों तक कोई और सरकार नहीं बना पाएगा। 

'हिंदुत्व की बात करने वालों से मेल संभव नहीं'

जब पूर्व मुख्यमंत्री से भाजपा और एमएनएफ के रिश्तों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि जहां तक विचारधारा और बाकी चीजों का सवाल है तो वे भाजपा के बिल्कुल विरोधी थे। उन्होंने कहा, 'क्योंकि हम ईसाई हैं। जबकि वे हिंदुत्व को बढ़ावा देते हैं। जहां तक इन चीजों का सवाल है तो हम एक नहीं हो सकते क्योंकि दोनों की विचारधाराएं अलग हैं। लेकिन जहां तक देश की बात है तो यूपीए के मुकाबले एनडीए एक बेहतर सहयोगी है। इसीलिए हमने केंद्र में उनका साथ चुना है। 

मिजोरम में अकेले लड़ा है चुनाव

अभी हुए विधानसभा चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट ने राज्य में भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ अकेले चुनाव लड़ा है। कांग्रेस और एमएनएफ दोनों ने ही सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि भाजपा ने 39 सीटों पर ही उम्मीदवार खड़ा किए। मिजोरम में साल 2008 से कांग्रेस ही सत्ता में है और अभी तीसरी बार फिर सत्ता पाने के लिए मैदान में है। बता दें कि मिजोरम में 28 नवंबर को वोटिंग हुई है और 11 दिसंबर को चुनाव का परिणाम घोषित होगा। 


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