बिश्केक में पीएम मोदी कर सकते हैं पुलवामा का जिक्र, पाक के बचाव में आया चीन
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ का वार्षिक शिखर सम्मेलन 13-14 जून को होगा। दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी पहली बार किसी बहुराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। बिश्केक में आतंकवाद को लेकर तलवार खिंचने के आसार दिखाई दे रहे हैं। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां पाकिस्तान को निशाने पर रखकर आतंकवाद का मुद्दा उठाएंगे, वहीं चीन ने कहा है कि आतंकवाद पर चर्चा तो ठीक है लेकिन किसी देश को निशाना बनाया जाना गलत है।
जाहिर है कि वह अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान को मोदी के वार से बचाना चाहता है। बिश्केक सम्मेलन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी भाग लेंगे लेकिन मोदी उनसे मिलेंगे नहीं। विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलेंगे।
भारत और पाकिस्तान को 2017 में मिली थी सदस्यता
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में एससीओ का वार्षिक शिखर सम्मेलन 13-14 जून को होने जा रहा है। दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहली बार किसी बहुराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। भारत और पाकिस्तान को 2017 में इस संगठन की सदस्यता मिली थी। सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति, आर्थिक सहयोग, परस्पर सहयोग और सदस्य देशों के लोगों की आपसी आवाजाही पर चर्चा होगी।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) ए गीतेश सरमा ने बताया भारत सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा उठा सकता है लेकिन उसमें खास देश का जिक्र नहीं होगा। भारत सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच संपर्क मार्ग बढ़ाए जाने की चर्चा करेगा। इससे उनका आपसी व्यापार बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी।
एससीओ में रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी सदस्य देश हैं। एससीओ के सदस्य देशों में दुनिया की कुल 42 प्रतिशत आबादी रहती है और ये वैश्विक अर्थव्यवस्था में 20 फीसद का हिस्सेदार हैं।
आर्थिक मामले और रक्षा सहयोग होंगे मुख्य बिंदु
चीन ने कहा है बिश्केक में होने वाले एससीओ सम्मेलन में आर्थिक मामलों से जुड़े मसले और आतंकवाद के खात्मे के लिए रक्षा सहयोग, मुख्य विचारणीय बिंदु होंगे। लेकिन चर्चा और सम्मेलन का उद्देश्य आतंकवाद किसी देश को निशाना बनाना नहीं होगा।
मोदी और चिनफिंग की द्विपक्षीय वार्ता में अमेरिकी संरक्षणवाद का मुद्दा भी चर्चा में आ सकता है। कारोबार को लेकर अमेरिका का ताजा रुख चीन और भारत को ही सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है। यह बात चीन के उप विदेश मंत्री झांग हैनहुई ने कही है।
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पैदा हुए तनाव के माहौल में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक मंच पर होंगे। 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में हुआ आतंकी हमला पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने करवाया था।
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