Move to Jagran APP

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 44 श्रम कानूनों का चार श्रम संहिताओं में विलय, नया बिल संसद में होगा पेश

गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन रेल तथा वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के अलावा श्रम राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने बैठक में भाग लिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 11 Jun 2019 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 09:40 PM (IST)
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 44 श्रम कानूनों का चार श्रम संहिताओं में विलय, नया बिल संसद में होगा पेश
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 44 श्रम कानूनों का चार श्रम संहिताओं में विलय, नया बिल संसद में होगा पेश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों का विलय कर उन्हें चार श्रम संहिताओं में तब्दील करने के लिए संसद में नया श्रम विधेयक पेश करेगी। इस बात का फैसला गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया जिसमें अन्य के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन, रेल तथा वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के अलावा श्रम राज्यमंत्री संतोष गंगवार भी शामिल थे।

loksabha election banner

संतोष गंगवार ने बताया कि चार श्रम संहिताओं का संबंध वेतन, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक सुरक्षा तथा कल्याण नामक चार श्रेणियों से है। इसके लिए संसद के आगामी सत्र में नया श्रम विधेयक पेश किया जाएगा। मसौदा विधेयक पर पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी ली जाएगी। उसके बाद उसे आगामी लोकसभा सत्र के दौरान दूसरे सप्ताह में पेश किए जाने की संभावना है।

फैसले के तहत उम्मीद की जाती है कि सामाजिक सुरक्षा से संबंधित विभिन्न कानून, जिनमें कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान कानून, कर्मचारी राज्य बीमा निगम कानून, मातृत्व लाभ कानून, भवन एवं अन्य निर्माण कर्मचारी कानून तथा कर्मचारी क्षतिपूर्ति कानून शामिल हैं, का आपस में विलय कर एक कानून बनाया जाएगा।

इसी प्रकार औद्योगिक सुरक्षा एवं कल्याण से संबंधित विभिन्न कानूनों, जिनमें फैक्ट्री एक्ट, खान कानून तथा गोदी कर्मचारी (सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कल्याण) कानून शामिल हैं, को भी आपस में मिलाकर एक कानून का रूप दिया जाएगा।

न्यूनतम वेतन कानून, वेतन भुगतान कानून, बोनस एक्ट तथा समान परिलब्धि अधिनियम जैसे वेतन संबंधी विभिन्न कानूनों को भी एक में मिलाया जाएगा। इसी प्रकार औद्योगिक संबंधों से संबंधित श्रम संहिता या कानून में औद्योगिक विवाद कानून, 1947्र ट्रेड यूनियन एक्ट, 1926 तथा औद्योगिक सेवायोजन स्थायी आदेश कानून 1946 का भी विलय किया जाएगा। 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.