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सीआरपीएफ का बड़ा फैसला, जवानों के प्रशिक्षण का बदलेगा तरीका

सीआरपीएफ प्रमुख का कहना है कि इन जवानों को नक्सल और आतंकवाद प्रभावित राज्यों में बहुत सख्त ड्यूटी करनी होती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 07:35 PM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 08:10 PM (IST)
सीआरपीएफ का बड़ा फैसला, जवानों के प्रशिक्षण का बदलेगा तरीका
सीआरपीएफ का बड़ा फैसला, जवानों के प्रशिक्षण का बदलेगा तरीका

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अपने पुराने शारीरिक प्रशिक्षण में बदलाव करने का फैसला लिया है। चूंकि उनके नये भर्ती किए गए जवान प्रशिक्षण के दौरान गंभीर रूप से चोटिल हो रहे हैं। इनमें कइयों की चोट आजीवन रहने वाली है। सीआरपीएफ प्रमुख का कहना है कि इन जवानों को नक्सल और आतंकवाद प्रभावित राज्यों में बहुत सख्त ड्यूटी करनी होती है। लिहाजा इन्हें और मजबूत बनाना जरूरी है। समझा जाता है कि इस केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बल में 21,566 जवानों की भर्ती होनी है।

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सीआरपीएफ के निदेशक (डीजी) आरआर भटनागर ने गुरुवार को बताया कि प्रशिक्षण के दौरान काफी तादाद में जवानों के गंभीर रूप से घायल होने पर पुराने प्रशिक्षण माड्यूल को बदलने का फैसला लिया गया है। बेसिक प्रशिक्षण के दौरान ही नए रंगरूटों में हेयरलाइन फ्रैक्चर और अन्य किस्म के फ्रैक्चर देखे गए हैं। इसलिए पूरे शारीरिक प्रशिक्षण प्रणाली को ही बदला जा रहा है ताकि धीरे-धीरे एक युवा को प्रशिक्षित सैन्य अफसर के रूप में बदला जा सके।

विशेषज्ञ यह देख रहे हैं कि किसी रिक्रूट की चोट पर कोई स्थाई असर न होने देने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कुछ लड़कों को लगी चोट से जीवन भर के लिए अयोग्य बना दिया है। वहीं कुछ को सिर और शरीर के अन्य भागों में बेहद गंभीर चोटें आई हैं।

आने वाले समय में सीआरपीएफ के 21,566 जवानों की भर्ती होनी है

उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि केंद्रीय सुरक्षा बलों जैसे- सीआरपीएफ, बीएसएफ और आइटीबीपी में बड़े स्तर पर भर्ती होगी। इन केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों में कुल 54,953 भर्तियां होनी हैं। इनमें से अकेले सीआरपीएफ में ही कांस्टेबल स्तर के अधिकतम 21,566 जवान भर्ती किए जाने हैं।

प्रशिक्षण के दौरान बड़ी तादाद में जवानों को लग रही गंभीर चोट

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए जवानों के प्रशिक्षण में शारीरिक कसरत, काम्बेट ड्रिल और कमांडो ट्रेनिंग कमोबेश वही रहेगी। लेकिन प्रशिक्षण की तीव्रता को कम ज्यादा और उसके तरीके में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।


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