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छत्तीसगढ़ में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देगी भूपेश बघेल सरकार, बदलाव पर कैबिनेट की मुहर

जातिगत जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने की पहल छत्‍तीसगढ़ से हो सकती है। राज्‍य की भूपेश बघेल सरकार की कैबिनेट ने जिला संवर्ग के पदों पर भर्ती आरक्षण में बदलाव पर मुहर लगा दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 07:37 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 07:44 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देगी भूपेश बघेल सरकार, बदलाव पर कैबिनेट की मुहर
छत्तीसगढ़ में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देगी भूपेश बघेल सरकार, बदलाव पर कैबिनेट की मुहर

रायपुर, जेएनएन। जातिगत जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने की पहल छत्‍तीसगढ़ से हो सकती है। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार जातिगत जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देगी। राज्‍य की भूपेश बघेल सरकार की कैबिनेट ने जिला संवर्ग के पदों पर भर्ती आरक्षण में बदलाव पर मुहर लगा दी है। सरकार आरक्षण की नई व्‍यवस्‍था के लिए नई नियमावली तैयार करेगी। सरकार के इस फैसले का असर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और गरीब सवर्णों के कोटे पर पड़ने की संभावना है।

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शुक्रवार को कैबिनेट की इस बैठक में हुए फैसले की जानकारी कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने दी। उन्‍होंने बताया कि सरकार ने इसी वर्ष लोक सेवा भर्ती नियम के तहत आरक्षण में बदलाव किया था। नए बदलाव के मुताबिक, अनुसूचित जाति का आरक्षण 12 से बढ़कार 13, अन्य पिछड़ा वर्ग का 14 से बढ़कार 27 तथा अनुसूचित जनजाति का 32 फीसद रखते हुए गरीब सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण देने का फैसला किया था। 

बताया जाता है कि इस नियम के लागू होने से कुछ जिले जहां जिला संवर्ग के पदों में भर्ती में पहले से आरक्षण लागू है, वहां आबादी के अनुपात में आरक्षण 100 फीसद से अधिक हो जाता। खास तौर पर आदिवासी बहुल बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर समेत कुछ और जिले शामिल हैं। संभवत: यही वजह है कि सरकार ने यह फैसला लिया है। फैसले के तहत ऐसे जिलों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में तो कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन ओबीसी और गरीब सवर्णों को दिए जाने वाले आरक्षण में बदलाव होगा। 

हाई कोर्ट ने लगा रखी है रोक 

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने पिछले दिनों लोक सेवा आयोग के पदों पर भर्ती में बढ़ा हुआ कोटा लागू कर दिया था। इसके तहत राज्‍य में गरीब सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण को मिलाकर सूबे में आरक्षण 82 फीसद पर पहुंच गया था। इसके खिलाफ हुई अपील की गई थी। इस अपील पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बढ़ाए गए आरक्षण पर रोक लगा रखी है।


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