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भोपाल गैस कांड: अतिरिक्त मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, सरकार ने की 7,844 करोड़ की मांग

केंद्र सरकार ने अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) को खरीदने वाली डो केमिकल्स से मुआवजे की मांग की है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 07:51 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 12:22 AM (IST)
भोपाल गैस कांड: अतिरिक्त मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, सरकार ने की 7,844 करोड़ की मांग
भोपाल गैस कांड: अतिरिक्त मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, सरकार ने की 7,844 करोड़ की मांग

नई दिल्ली, प्रेट्र। भोपाल गैस कांड में 7,844 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे की मांग वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ मंगलवार को सुनवाई करेगी। सरकार ने अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) को खरीदने वाली डो केमिकल्स से मुआवजे की मांग की है। भोपाल गैस कांड 1984 में हुआ था।

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5 सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट पीठ पीडि़तों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए करेगी सुनवाई

जस्टिस अरुण मिश्र, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनित शरण, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एस. रविंद्र भट की पीठ पीडि़तों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से दायर क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई करेगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अतिरिक्त मुआवजा राशि का भुगतान करने के लिए यूनियन कार्बाइड और अन्य कंपनियों को निर्देश देने का अनुरोध किया है। यूनियन कार्बाइड ने 1989 में हुए समाधान के तहत मुआवजे के लिए 47 करोड़ डॉलर (लगभग 750 करोड़ रुपये) का भुगतान किया था।

क्या था मामला

यूसीसी की भोपाल स्थित फैक्ट्री से 2-3 दिसंबर, 1984 की दरम्यानी रात मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआइसी) नामक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इसमें तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे। उचित मुआवजे और सही इलाज के लिए पीडि़तों ने लंबी लड़ाई लड़ी।

2010 में दायर केंद्र की क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई करेगी संविधान पीठ

मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर, 2010 में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की थी। सात जून, 2010 को भोपाल की एक अदालत ने इस मामले में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूसीआइएल) के सात अधिकारियों को दो साल कैद की सुनाई थी।

वारेन एंडरसन था मुख्य आरोपित

इस मामले में यूसीसी का चेयरमैन वारेन एंडरसन मुख्य आरोपित था, लेकिन उसे कभी पकड़ा नहीं जा सका। हादसे के तुरंत बाद वह अमेरिका भाग गया था। एक फरवरी, 1992 को भोपाल की सीजेएम अदालत ने एंडरसन को भगोड़ा अपराधी घोषित किया था। भोपाल की अदालतों ने 1992 और 2009 में उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए थे। लेकिन उसका प्रत्यर्पण नहीं हो सका। सितंबर, 2014 में एंडरसन की मौत हो गई थी। 


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