Move to Jagran APP

संघ प्रमुख भागवत बोले, भड़काने वालों की कमी नहीं लेकिन मुस्लिमों से दूरी बनाना भी ठीक नहीं

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि यदि कोई भय से या क्रोध के वश में आकर कुछ गलत कर देता है तो पूरे समुदाय (मुस्लिम समुदाय) से दूरी बनाना ठीक नहीं है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 05:50 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 02:14 AM (IST)
संघ प्रमुख भागवत बोले, भड़काने वालों की कमी नहीं लेकिन मुस्लिमों से दूरी बनाना भी ठीक नहीं
संघ प्रमुख भागवत बोले, भड़काने वालों की कमी नहीं लेकिन मुस्लिमों से दूरी बनाना भी ठीक नहीं

नागपुर, एजेंसियां। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को देश के प्रबुद्ध वर्ग को संबोधित करते हुए कहा कि भड़काने वालों की कमी नहीं है। इसका लाभ लेने वाली 'ताकतें' भी हैं। यदि कोई भय से या क्रोध के वश में आकर कुछ गलत कर देता है तो पूरे समुदाय (मुस्लिम समुदाय) से दूरी बनाना ठीक नहीं है। संघ प्रमुख ने देशवासियों से ऐसी 'ताकतों' से सतर्क रहने की अपील की। संघ प्रमुख ने कहा कि सभी लोगों को घर में रहकर ही यह जंग जीतनी है। सभी अपने घर में रहें और भगवान से प्रार्थना करें। उन्‍होंने कहा कि हमें ऐसा काम करना होगा जिससे जरूरतमंद लोगों के पास मदद पहुंचे। मसला हमारे देश का है इसलिए हमारी भावना सहयोग की रहेगी... विरोध की नहीं। जिन्‍हें राजनीति करनी है वो करते रहें।  

loksabha election banner

समुदाय से दूरी बनाना ठीक नहीं 

संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए तब्‍लीगी जमात की घटना की ओर भी इशारा किया। उन्‍होंने कहा कि यदि कोई भय से या क्रोध के वश में आकर कुछ गलत कर देता है तो पूरे समुदाय को दोषी मानकर उससे दूरी बनाना ठीक नहीं है। उन्‍होंने कहा कि ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो दूसरों को उकसाते हैं और इसका फायदा उठाते हैं। उकसाना क्रोध को जन्म देता है और क्रोध गलतफहमी पैदा करता है। धीरे धीरे यह गलतफहमी चरमपंथी कृत्यों को जन्म देने लगती है। हम जानते हैं कि ऐसी ताकते हैं जो इससे लाभान्वित होती हैं। वे ताकतें कोशिशें कर रही हैं। ऐसे में हमें सजग रहने की जरूरत है। 

प्रतिक्रिया से बचने की सलाह दी 

भागवत ने भारत तेरे टुकड़े होंगे... कहने वालों से सावधान रहने की सलाह दी। उन्‍होंने कहा कि हमारे मन में प्रतिक्रिया के रूप में कोई क्रोध नहीं होना चाहिए। भारत में सभी लोग भारत माता की संतान हैं। हम सभी भाई-भाई हैं। समाज के प्रमुख लोगों को यह बात देशवासियों को बताने की जरूरत है। समाज का सर्वांगीण विकास ही हमारी प्रतिज्ञा है। जब तक यह काम पूरा नहीं होता तब तक हम सभी को सेवा के काम में लगे रहना होगा। हमें बिना भेदभाव के सभी के लिए सेवाकार्य करते रहना है। इस सेवाकार्य में अपने पराए का भेद नहीं करना है। सभी अपने हैं और सभी की सेवा हमारा कर्तव्य है। 

संन्‍यासी उपद्रवी नहीं थे

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर में संन्यासियों की हत्या उपद्रवी लोगों ने की जिसका सबके मन में दुख है। मानवता के कल्‍याण के लिए प्रार्थना करने वाले वे संन्‍यासी उपद्रवी नहीं थे लेकिन भीड़ ने उनकी हत्‍या कर दी। पुलिस क्या कर रही थी? इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी। साधू मानवता के दूत थे और उस धर्म का पालन कर रहे थे जिसे वे मानते थे। हम 28 अप्रैल को उन संन्‍यासियों को श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ कार्यक्रम करेंगे। हमें धैर्य रखना होगा। भागवत ने यह भी बताया कि संघ ने 30 जून तक अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। कोरोना नई महामारी है उससे इससे डरने की जरूरत नहीं है। हमें ठंडे दिमाग से योजना बनाकर इससे निपटना होगा और सुनियोजित प्रयास करने होंगे।

दुनिया की भलाई के लिए कष्‍ट उठाना ही स्‍वभाव 

संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में हाइड्रॉक्‍स‍ि क्‍लोरोक्‍वीन का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि भारत ने पहले इन दवाइयों के निर्यात पर पाबंदी लगाई थी लेकिन बाद में दुनिया की भलाई के लिए खुद नुकसान उठाकर भी दूसरे देशों की मदद के लिए इसको भेजी है। भारत का सर्वदा दसे ऐसा ही स्वभाव रहा है। हम खुद चिंता केवल उतना ही करें कि हम काम करने लायक बचे रहें। सरकार के आयुष मंत्रालय ने जैसा काढ़ा बताया है वैसा पीएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें... मास्‍क जरूर इस्‍तेमाल करें। सफलता और असफलता के बीच महज तीन फीट का अंतर होता है। इसलिए हमें बिना थके कोशिश करते रहनी चाहिए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.