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राजस्‍थान सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच नहीं बनी बात, आंदोलन जारी

शुक्रवार को गुर्जर नेताओं और सरकार के बीच वार्ता के कई दौर चले लेकिन रात तक फैसला नहीं हो सका। अब शनिवार को ही फैसला होगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 10:29 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 10:29 PM (IST)
राजस्‍थान सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच नहीं बनी बात, आंदोलन जारी
राजस्‍थान सरकार और गुर्जर नेताओं के बीच नहीं बनी बात, आंदोलन जारी

जागरण संवाददाता, जयपुर। पांच फीसदी आरक्षण का विधेयक विधानसभा में पारित होने के बाद भी गुर्जर समुदाय का आंदोलन शुक्रवार को आठवें दिन भी जारी रहा। गुर्जर समुदाय के लोग रेलवे ट्रैक और हाईवे पर जाम लगाकर बैठे रहे। शुक्रवार को गुर्जर नेताओं और सरकार के बीच वार्ता के कई दौर चले लेकिन रात तक फैसला नहीं हो सका। अब शनिवार को ही फैसला होगा। इससे पहले शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से फोन पर बात कर आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया।

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गहलोत ने बैंसला को आश्वासन दिया कि सरकार आरक्षण की रक्षा के लिए पूरा प्रयास करेगी। सरकार इस बात की कोशिश करेगी कि हमेशा की तरह इस बार फिर आरक्षण का मामला कोर्ट में नहीं अटके। वहीं पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और सहकारिता आयुक्त नीरज के पवन सहित आधा दर्जन अधिकारियों की टीम के साथ कर्नल बैंसला एवं उनके साथियों की करीब सात घंटे तक वार्ता चली।

इस दौरान गुर्जर नेता सरकार से लिखित में यह वादा चाहते थे कि उनका पांच प्रतिशत आरक्षण सुरक्षित रहेगा। गुर्जर नेताओं का कहना था कि सरकार पहले यह सुनिश्चित करे कि आरक्षण विधेयक एक बार फिर कानूनी पेचीदगी में नहीं फंसेगा। आंदोलन खत्म करने का पेंच इसी बात पर फंसा हुआ है।

पांच में से चार बिंदुओं पर सहमति बनी, एक बिंदु के कारण ही आंदोलन जारी

आंदोलन खत्म करने के लिए गुर्जर नेताओं ने प्रदेश सरकार के समक्ष पांच बिंदुओं का प्रस्ताव रखा था। इसमें आरक्षण की कोर्ट में सुनिश्चितता, आंदोलन में समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को हटाने, देवनारायण बोर्ड का गठन कर इसके माध्यम से गुर्जर बहुल क्षेत्रों में विकास कार्य कराने के साथ ही दो अन्य बिंदु थे।

बातचीत से जुड़े सूत्रों का दावा है कि पांच में से चार बिंदुओं पर दोनो पक्षों में सहमति बन गई लेकिन एक बिंदु सहमति नहीं बन सकी। हालांकि इसके बारे में गुर्जर नेताओं और सरकार ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। लंबी बातचीत के बाद भी सहमति नहीं बनने पर मामला शनिवार तक के लिए टाल दिया गया। मंत्री विश्वेंद्र सिंह और गुर्जर नेता शैलेंद्र सिंह का कहना है कि 99 फीसदी फैसले तक पहुंच गए हैं एक प्रतिशत पर मामला अटका है जो शनिवार को हल हो जाएगा।

जयपुर-आगरा, कोटा-जयपुर राजमार्ग जाम

शुक्रवार को भी दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर गुर्जर समाज के लोगों का कब्जा बरकरार रहा। वहीं जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो स्थानों पर उन्होंने जाम लगा रखा है। कोटा-जयपुर हाईवे और भीलवाड़ा में भी कई स्थानों पर जाम लगाया गया। दौसा, भरतपुर, करौली, अजमेर सहित कई जिलों में गुर्जरों ने छोटी-छोटी सभाएं कीं।

13 साल में पांचवी बार दिया आरक्षण, चार बार कोर्ट में अटका

गौरतलब है कि 13 साल में पांचवीं बार आरक्षण लेने वाला गुर्जर समाज अभी तक ट्रैक पर डटा हुआ है। आरक्षण के लिए इन 13 सालों में गुर्जर समाज बार-बार ट्रैक पर आता रहा है। भाजपा एवं कांग्रेस सरकार उन्हें आरक्षण देती रही हैं लेकिन हर बार मामला कोर्ट में अटक जाता है।

गुर्जर सहित पांच जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाला विधेयक बुधवार को विधानसभा में पारित करा दिया गया है। इस विधेयक को राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी है। विधेयक के साथ ही साथ विधानसभा ने विधेयक को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए एक शासकीय संकल्प भी ध्वनिमत से पारित किया है।  


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