छत्तीसगढ़ में हुक्का बार पर प्रतिबंध, शराबबंदी की ओर बघेल सरकार धीरे-धीरे कदम बढ़ा रही
हुक्का बार को लेकर यह शिकायत मिल रही थी कि हुक्का बार में स्कूली छात्रों से लेकर नाबालिग बच्चों की मौजूदगी दिखती है।
राज्य ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में हुक्का बार के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। शराबबंदी की ओर धीरे-धीरे बढ़ने का एक और संकेत देते हुए अंग्रेजी शराब की 49 दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है। धान पर गरम हुई सियासत को देखते हुए धान खरीद की तिथि भी पांच दिन बढ़ा दी गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में शनिवार देर शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में उक्त निर्णय लिए गए। हुक्का बार को लेकर यह शिकायत मिल रही थी कि हुक्का बार में स्कूली छात्रों से लेकर नाबालिग बच्चों की मौजूदगी दिखती है। इससे समाज में गलत प्रभाव पड़ता है। शराबबंदी की ओर धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए प्रदेश भर के 49 अंग्रेजी शराब की दुकानों को बंद करने का निर्णय भी लिया गया है। पिछले साल 50 शराब दुकानों को बंद किया गया था।
चार कुलपतियों की नियुक्ति में उलझी सरकार, राज्यपाल के पाले में डाली गेंद
छत्तीसगढ़ के चार विश्वविद्यालय के कुलपतियों की नियुक्ति अटक गई है। कोर्ट ने सरकार को फैसला करने का आदेश दिया है, लेकिन अब तक नियुक्ति नहीं हो पाई है।
अब मंत्री उमेश पटेल ने गेंद राज्यपाल के पाले में डाल दी है। कुलपति की नियुक्ति के कारण फंड का उपयोग नहीं हो पा रहा है। यही नहीं, इससे नैक की ग्रेडिंग भी प्रभावित होगी।
खनिज रॉयल्टी दरों में संशोधन न होने से छत्तीसगढ़ का नुकसान, भूपेश ने उठाया मुद्दा
छह वर्ष बाद भी खनिज की रायल्टी दरों में नहीं हुआ संशोधन, खनिज उत्पादक राज्यों को रायल्टी मिलती है। इस रायल्टी की दरों में हर तीसरे वर्ष संशोधन किया जाता है।
केंद्र सरकार ने सितंबर 2014 के बाद से दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ समेत सभी खनिज उत्पादक राज्यों को नुकसान हो रहा है।
छत्तीसगढ़ को कुल राजस्व का करीब 60 फीसद से अधिक खनिज से ही मिलता है। इसी वजह से राज्य सरकार दरों में संशोधन के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र को पत्र लिखा है।