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विहिप ने कहा- अयोध्या में 18 महीने के भीतर शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण

विहिप मार्गदर्शक समिति की बैठक हरिद्वार में 19-20 जून को होगी। इसमें राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा और उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 05 Jun 2019 07:57 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 07:57 PM (IST)
विहिप ने कहा- अयोध्या में 18 महीने के भीतर शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण
विहिप ने कहा- अयोध्या में 18 महीने के भीतर शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण

नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्र में नई सरकार बनते ही विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम मंदिर को लेकर एक बार फिर सक्रिय होने लगी है। विहिप का कहना है कि डेढ़ साल के भीतर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उसने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए इस महीने के आखिर में अपने शीर्ष नेताओं की बैठक भी बुलाई है।

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विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि उनका संगठन राम मंदिर निर्माण को लेकर अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं कर सकता है। इसलिए मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने के एक महीने के भीतर ही उसको उसके वादे की याद दिलाने का फैसला किया है।

आलोक कुमार ने कहा, 'एक बात स्पष्ट है, विहिप दो मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगी-पहला, भगवान राम के जन्मस्थान पर सिर्फ मंदिर का ही निर्माण होगा और दूसरा, अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा के अंदर कोई मस्जिद नहीं हो सकती।'

उन्होंने कहा कि विहिप मार्गदर्शक समिति की बैठक हरिद्वार में 19-20 जून को होगी। इसमें राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा और उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा। इसके जरिए प्रधानमंत्री को उनकी पार्टी के घोषणापत्र में राम मंदिर को लेकर किए गए वादे की याद दिलाई जाएगी।

भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में जहां राम मंदिर के निर्माण की बात कही थी, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि सरकार को इस मुद्दे पर कोर्ट के फैसले का इंतजार है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बातचीत से सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो सभी पक्षों से बातचीत कर रही है।

विहिप के सूत्रों का कहना है कि उसे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से कम कुछ भी स्वीकार नहीं होगा। उसका यह भी कहना है कि अगर सरकार लखनऊ जैसे किसी मुस्लिम बहुल इलाके में मस्जिद के निर्माण के लिए जमीन और धन देती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी। 

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