Move to Jagran APP

अयोध्‍या ढांचा विध्‍वंश मामला में बिना FIR और अदालती कार्रवाई के बिहार में गिरफ्तार हुए थे आडवाणी, लालू यादव ने कहा सॉरी सर

आज जिस मामले में एलके आडवाणी बरी हुए हैं इस केस में बिना किसी एफआइआर और अदालती कार्रवाई के उनकी गिरफ्तारी 23 अक्टूबर 1990 को बिहार में हुई थी। लालू ने कहा था सॉरी सर मेरे पास आपको अयोध्या जाने से रोकने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 08:27 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 08:27 PM (IST)
अयोध्‍या ढांचा विध्‍वंश मामला में बिना FIR और अदालती कार्रवाई के बिहार में  गिरफ्तार हुए थे आडवाणी, लालू यादव ने कहा सॉरी सर
लाल कृष्‍ण आडवाणी और लालू प्रसाद यादव की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो। अयोध्‍या ढांचा विध्‍वंश मामला: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी विवादित ढांचा विध्‍वंश प्रकरण में बरी हो गए। दिलचस्प पहलू यह है कि इस प्रकरण में बिना किसी एफआइआर और अदालती कार्रवाई के उनकी गिरफ्तारी बिहार में हो गई थी। यह 23 अक्टूबर 1990 की घटना है। एक और संयोग है। उन्हें गिरफ्तार करने वाले तत्कालीन आइएएस अधिकारी राजकुमार सिंह केंद्र में मंत्री हैं। साथ देने वाले तत्कालीन आइपीएस अधिकारी रामेश्वर उरांव यूपीए सरकार में केंद्र में मंत्री रहे। अब झारखंड सरकार के मंत्री हैं। गिरफ्तार कराने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद चारा घोटाला के मामले में सजा काट रहे हैं। वे रांची में हैं। झारखंड से उनकी गिरफ्तारी का एक और सूत्र जुड़ा हुआ है। गिरफ्तारी के बाद आडवाणी को मसानजोर के जिस गेस्ट हाउस में रखा गया था, वह भी झारखंड में ही है।

loksabha election banner

आडवाणी की रथ यात्रा बिहार की चर्चा बगैर अधूरी

बहरहाल, बाबरी प्रकरण और आडवाणी की रथ यात्रा बिहार की चर्चा के बगैर पूरी नहीं होती है। उस घटना ने बिहार को इस हद तक प्रभावित किया कि बीते 30 साल की राजनीति उसी के इर्द गिर्द घूम रही है। मंडल आयोग की सिफारिशों के लागू होने की घोषणा के तुरंत बाद शुरू हुई रथ यात्रा को रोकने की चर्चा आज भी चुनाव के दिनों में यहां हो ही जाती है। बिहार की राजनीति मंडल और मंदिर के बीच उस समय बंटी, वह आज तक कमोवेश उसी स्थिति में है। उसने भाजपा को बिहार की राजनीति में हाशिये से लाकर केंद्र में खड़ा कर दिया। झारखंड में तो वह वर्षों तक सरकार में भी रही।

तब सीएम रहे लालू ने आडवाणी को कहा था- सॉरी

लालू प्रसाद आज भी आडवाणी की गिरफ्तारी की चर्चा करते हैं। बताते हैं कि वह बड़ा फैसला था। पहले उन्हें सासाराम और धनबाद में गिरफ्तार करने की कोशिश की गई। सासाराम में गिरफ्तारी की खबर लीक हो गई। धनबाद में गड़बड़ी की आशंका थी। इसलिए समस्तीपुर में गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के एक दिन पहले लालू प्रसाद ने दुमका के उपायुक्त को फोन किया-हम कल सुबह मसानजोर आ रहे हैं। आसपास कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त करें। उपायुक्त ने ऐसा ही किया। अगली सुबह लालू के बदले लालकृष्ण आडवाणी मसानजोर पहुंचे। लालू के मुताबिक-मैंने आडवाणीजी से गेस्ट हाउस के लैंडलाइन वाले फोन पर बातचीत की। कहा-सॉरी सर। मेरे पास आपको अयोध्या जाने से रोकने के लिए इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.