Ayodhya case: मुस्लिम पक्ष के वकील को धमकी देने पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया अवमानना नोटिस
दाखिल अवमानना याचिका में वकील राजीव धवन ने आरोप लगाया गया है कि सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी ने पत्र भेजकर मुस्लिमों की ओर से अयोध्या केस में पेश होने पर धमकी दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की पैरवी कर रहे वकील राजीव धवन को धमकाने और शाप देने के मामले में 88 वर्षीय तमिलनाडु के प्रोफेसर एन. शनमुगम व एक अन्य व्यक्ति को अवमानना नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना कर्ता से दो सप्ताह में जवाब मांगा है हालांकि उन्हें निजी पेशी से कोर्ट ने छूट दे दी है।
ये नोटिस अयोध्या राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने जारी किये। सुप्रीम कोर्ट ने सुबह मामला सुनवाई पर आते ही याचिका पर नोटिस जारी करने का आदेश दे दिया धवन की ओर से बहस के लिए मौजूद वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को एक शब्द भी नहीं बोलना पड़ा।
दाखिल अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया है कि सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी शनमुगम ने उन्हें पत्र भेजकर मुस्लिमों की ओर से अयोध्या केस में पेश होने पर धमकी दी है। कहा गया है कि भेजे गए पत्र में शनमुगम ने लिखा है कि भगवान के खिलाफ मुकदमें में पेश होने पर उन्हें शाप लगेगा और उनमें शारीरिक तौर पर अक्षमता आ जाएगी उनकी सुनने बोलने की शक्ति प्रभावित होगी। इसके अलावा याचिका में राजस्थान के रहने वाले संजय कलाल बजरंगी पर भी धवन के मोबाइल पर व्हाट्सअप मैसेज भेज कर धमकाने का आरोप लगाया गया है।
धवन की ओर से दाखिल की गई अवमानना याचिका में कोर्ट से मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने की मांग की गई है।