राम जन्मभूमि विवाद पर मंगलवार से रोजाना सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बैंच सुनेगी पक्ष
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधानपीठ सुनवाई करेगी।पीठ के अन्य न्यायाधीश एसए बोबडे डीवाई चंद्रचूड़ अशोक भूषण व एस अब्दुल नजीर हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बहुप्रतीक्षित अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर मंगलवार से रोजाना सुनवाई शुरू होगी। मामले में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधानपीठ सुनवाई करेगी। पीठ के अन्य न्यायाधीश एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण व एस अब्दुल नजीर हैं।
गत शुक्रवार को कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट देखने के बाद कहा था कि मध्यस्थता का कोई नतीजा नहीं निकला है इसलिए मामले पर छह अगस्त से रोजाना सुनवाई की जाएगी और सुनवाई तबतक जारी रहेगी जबतक सभी पक्षों की बहस पूरी नहीं हो जाती।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में राम जन्मभूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। जिसमें एक हिस्सा भगवान रामलला विराजमान, दूसरा निर्मोही अखाड़ा व तीसरा हिस्सा सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड को देने का आदेश था। इस फैसले को भगवान राम सहित हिन्दू मुस्लिम सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में ये अपीलें 2010 से लंबित हैं और कोर्ट के आदेश से फिलहाल अयोध्या में यथास्थिति कायम है।
सुप्रीम कोर्ट में कुल 14 अपीलें, तीन रिट पीटिशन और एक अन्य याचिका लंबित है। सुनवाई की शुरूआत मूल वाद संख्या 3 और 5 से होगी। मूल वाद संख्या 3 निर्मोही अखाड़ा का मुकदमा है और मूल वाद संख्या पांच भगवान रामलला विराजमान का मुकदमा है। कोर्ट ने शुक्रवार को मामले में बहस करने वाले वकीलों और पक्षकारों से आग्रह किया था कि जिन साक्ष्यों और दलीलों यानी केस ला आदि को वे कोर्ट में पेश करने वाले हैं उसके बारे में पहले से बता दें ताकि कोर्ट स्टाफ उसे कोर्ट के सामने पेश करने के लिए तैयार रखे।
इससे पहले कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के जरिये सुलझाने की कोशिश के लिए तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल को भेजा था। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में करीब पांच महीने मध्यस्थता चली लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला जिसके बाद कोर्ट में मामले की मेरिट पर सुनवाई का फैसला लिया है।
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