Ayodhya Case: सिर्फ 60 सेकंड में टल गया मामला, रोजाना सुनवाई की भी मांग खारिज
Ayodhya Case Hearing Live Updates: अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टल गई है। अब 10 जनवरी को मामले में सुनवाई होगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील और अदालत में लंबे समय से अटके अयोध्या भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी थी लेकिन कोर्ट ने मात्र एक मिनट (60 सेकंड) के समय में इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख दे दी। इसके अलावा कोर्ट ने रोजाना सुनवाई की मांग को भी खारिज कर दिया।
अब संभवतः 10 जनवरी के बाद ही राम जन्मभूमि मामले का भविष्य का रोडमैप तय होगा। 10 प्वाइंट्स में जानिए इस मामले से जुड़ी अहम बातें।
1. सुप्रीम कोर्ट में तकरीबन आठ साल से लंबित अयोध्या भूमि मामले में मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई 10 जनवरी तक के लिए टाल दी है।
2. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ के समक्ष राम जन्मभूमि विवाद से जुड़ी कुल 15 याचिकाएं लगी हैं।
3. सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बेंच का गठन, प्रक्रिया और तारीखों को तय करने का मामला फिलहाल टाल दिया है।
4. कोर्ट के सामने एक याचिका ये भी है, जिसमें मांग की गई है कि अगर तय समय में सुनवाई नहीं हो सकती तो कोर्ट अपने आदेश में कारण बताए कि एक तय समय में सुनवाई क्यों नहीं हो सकती। इसके अलावा रोजाना सुनवाई की मांग कोर्ट ने खारिज कर दी है।
5. अयोध्या भूमि विवाद को लेकर साल 2011 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
6. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में फैसला सुनाते हुए जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था।
7. इलाहाबाद कोर्ट के फैसले को रामलला सहित सभी पक्षकारों ने 13 अपीलों के जरिये सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से फिलहाल मामले में यथास्थिति कायम है।
8. हाल ही में प्रधानमंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा है कि मामला कोर्ट में लंबित रहने तक अयोध्या मामले पर अध्यादेश नहीं लाया जाएगा।
9. दूसरी ओर संघ परिवार और साधू समाज सुनवाई में हो रही देरी के आधार पर अयोध्या में मंदिर बनवाने के लिए अध्यादेश लाने की मांग पर अड़ा है।
10. वहीं, अयोध्या मामले में दूसरी ओर से पैरोकार इकबाल अंसारी ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान का स्वागत किया है और कहा है कि इस मामले में कोर्ट का हर फैसला उन्हें मंजूर होगा।