Move to Jagran APP

शिक्षा मंत्री ने कहा- असम में सरकारी नौकरी के लिए 10वीं तक असमी पढ़ना अनिवार्य

असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य से बाहर पढ़ाई कर रहे उनके दो बच्चे असम में सरकार की नौकरी के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 12:31 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 02:17 AM (IST)
शिक्षा मंत्री ने कहा- असम में सरकारी नौकरी के लिए 10वीं तक असमी पढ़ना अनिवार्य
शिक्षा मंत्री ने कहा- असम में सरकारी नौकरी के लिए 10वीं तक असमी पढ़ना अनिवार्य

गुवाहाटी, प्रेट्र। असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य सरकार की नौकरी के लिए केवल वे ही आवेदन करने के योग्य होंगे जिन्होंने 10वीं तक असमी की पढ़ाई की है। शिक्षा मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि बराक घाटी के तीन जिलों और बोडोलैंड क्षेत्रीय स्वायत्तशासी जिले (बीटीएडी) को छोड़ शेष सभी क्षेत्रों में यह नियम लागू रहेगा। बराक घाटी के तीन जिलों और बीटीएडी में क्रमश: बांग्ला और बोडो के संबंध में यही क्लाउज लागू होगा।

loksabha election banner

नए नियम पर विधानसभा में विधेयक पेश किया जाएगा

सरमा ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने सभी माध्यम के स्कूलों में असमी को अनिवार्य विषय बनाने का फैसला ले लिया है। इस नए नियम को सम्मिलित करते हुए बजट सत्र के दौरान विधानसभा में विधेयक पेश किया जाएगा।

राज्य से बाहर पढ़ाई कर रहे बच्चे सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं

उन्होंने कहा कि राज्य से बाहर पढ़ाई कर रहे उनके दो बच्चे असम में राज्य सरकार की नौकरी के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे। इसका कारण यह है कि अपने स्कूल में वे असमी नहीं पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा पर 3000 करोड़ खर्च करेगी।

असम में स्थायी शांति की उम्मीदें बढ़ी

दशकों से हिंसा से जूझ रहे असम में स्थायी शांति की उम्मीदें बढ़ गई है। अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के चार गुटों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला किया है। इस सिलसिले में सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इन संगठनों के प्रतिनिधि और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।

समझौते में बोडोलैंड राज्य की मांग नहीं मानी गई

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार समझौते में अलग बोडोलैंड राज्य की मांग नहीं माना गया है, लेकिन बोडो लोगों को कुछ अधिक राजनीतिक अधिकार व आर्थिक पैकेज दिये जा सकते हैं।

बोडो अलगाववादी गुटों के आत्मसमर्पण करने से बढ़ गई थी समाधान की उम्मीद

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि असम में स्थायी शांति के लिए बोडो समस्या के स्थायी शांति की कोशिश लंबे समय से जारी थी। इसी सिलसिले में गुरुवार को बोडो अलगाववादी गुटों के 644 कैडर ने असम के मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इससे 15 दिन पहले म्यांमार में रह रहे एक गुट से जुड़े 50 कैडरों ने भारत में आकर हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था। इससे इस समस्या के अंतिम समाधान की उम्मीद बढ़ गई थी।

बोडो आंदोलन से जुड़े चार गुटों के साथ सोमवार को दिल्ली में होगा समझौता

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जिन चार गुटों के साथ सोमवार को समझौता होने वाला है, उनमें रंजन डैमारी, गोविंदा बासुमातरी, धीरेन बारो और बी. साओरैगरा के नेतृत्व वाले गुट शामिल है। बी आओरैगरा ने 2015 में आइके सोंगबीजीत गुट की कमान संभाली थी। आरोप है कि सोंगबीजीत ने दिसंबर 2014 में 70 आदिवासियों की हत्या का आदेश दिया था। जिसके बाद उसे हटा दिया गया था। समझौते के तहत दो दिन पहले जेल में बंद डैमारी को रिहा किया गया था। ये चारों समझौते पर हस्ताक्षर के लिए दिल्ली आ रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.