असम ने मिजोरम के साथ सीमा विवाद को खत्म कर शांति की तरफ बढ़ाए कदम
पटोवारी ने कहा कि असम सभी पड़ोसी राज्यों के बीच अच्छे संबंध बनाना चाहता है और उनसे भी ऐसी ही उम्मीद रखता है।
गुवाहाटी (प्रेट्र)। असम सरकार मिजोरम के साथ लगे सीमा पर तनाव को खत्म करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने की पहल की शुरुआत करने जा रही है। राज्य संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटोवरी ने विधानसभा में ये बातें कहीं। उन्होंने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री सर्बानंदा सोनोवाल खुद असम-मिजोरम सीमा पर स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
यह तनाव तब शुरु हुआ जब छात्रों के एक समूह मिजो जिरलाई पॉल ने 27 फरवरी को असम के हेलाकांडी जिले के कचूरथल इलाके में नेशनल हाइवे-154 पर रेस्ट हाउस बनाने की कोशिश की थी। पटोवरी ने आरोप लगाया कि यह घटना राजनीतिक रुप से प्रेरित था। कहा कि इन सभी घटनाओं के पीछे राजनीतिक हित जुड़े हुए थे।
विधानसभा में शून्य काल के दौरान सीमा पर तनाव खत्म करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के मुद्दे पर पटोवरी ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक रुप से प्रेरित होकर असम और मिजोरम के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस तरफ सतर्क है और बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए हैं। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, उपायुक्त और एसडीओ भी वहां मौजूद हैं।
पटोवारी ने कहा कि असम सभी पड़ोसी राज्यों के बीच अच्छे संबंध बनाना चाहता है और उनसे भी ऐसी ही उम्मीद रखता है। कहा कि असम का नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय के जैसे ही मिजोरम के साथ भी कोई गंभीर सीमा विवाद नहीं है।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सोनोवाल ने मिजोरम के अपने समकक्ष लाल थनहावला और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मुद्दे पर बात की थी। इसके पहले विपक्ष के नेता देबब्रता साइकिया ने विस अध्यक्ष से अनुरोध कर सभी पार्टी प्रतिनिधियों को घटनास्थल पर भेजने की इजाजत देकर शांति व्यवस्था पर वार्ता करने को कहा था। पटोवरी ने कहा कि हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे स्थिति और बिगड़ जाए।
कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुर्कायस्थ ने राज्य सरकार से त्रिस्तरीय बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया जिसमें असम, मिजोरम और केंद्र शामिल हो। बताया जाता है कि मजोरम के सीएम थानहवाला ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा था।