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औवैसी का दावा, इस बार नहीं 'मोदी लहर', 'गैर बीजेपी' और 'गैर कांग्रेसी' मोर्चा की बनेगी सरकार

AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा चुनाव को लेकर दावा किया है। उनका कहना है कि इस बार कोई मोदी लहर नहीं है। गैर कांग्रेस गैर बीजेपी मोर्चा ही इस बार केंद्र में सरकार बनाएगा।

By Atyagi.jimmcEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 01:32 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 01:32 PM (IST)
औवैसी का दावा, इस बार नहीं 'मोदी लहर', 'गैर बीजेपी' और 'गैर कांग्रेसी' मोर्चा की बनेगी सरकार
औवैसी का दावा, इस बार नहीं 'मोदी लहर', 'गैर बीजेपी' और 'गैर कांग्रेसी' मोर्चा की बनेगी सरकार

नई दिल्ली, पीटीआइएआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने Lok Sabha Election 2019 को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि इस बार कोई मोदी लहर नहीं है। साथ ही कहा कि गैर कांग्रेस, गैर भाजपा मोर्चा ही इस बार केंद्र में सरकार बनाएगा। 

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एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जिस तरह से 2014 आम चुनाव के दौरान पूरे देश में मोदी लहर थी, ऐसी लहर इस बार नहीं है। ये लोकसभा चुनाव खुले होंगे, यहा हर एक निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनावी लड़ाई होगी। मेरी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) निश्चित रूप से तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के संस्थापक और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली 'गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस' मोर्चे का हिस्सा है। लोकतंत्र को बचाने के लिए  इस मोर्चे की सख्त जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि कई क्षेत्रीय नेता ऐसे हैं, जिनके पास पीएम मोदी और कांग्रस अध्यक्ष राहुल गांधी से ज्यादा काबिलियत है।

अपनी विफलताएं छिपा रही बीजेपी
औवेसी ने दावा किया कि बीजेपी अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए  चुनावी प्रवचन में राष्ट्रीय सुरक्षा का राग अलाप रही है। लेकिन, इस बार लोग उनके जुमलों में ना आकर पूरी जिम्मेदारी के साथ मतदान करेंगे। पहले  Surgical Strike और उसके बाद बालाकोट हवाई हमले (Air Strike) और अब एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (A-SAT) टेस्ट (मिशन शक्ति) इन सभी का इस्तेमाल कर भाजपा चुनावी कहानी बदल रही है। इस तरह के महत्वपूर्ण परीक्षण का ऐलान करने के लिए उन्होंने चुनावों का इंतजार क्यों किया। ये साफ तौर पर भाजपा की हताशा दिखाती है।  

पीएम करते हैं जुमलेबाजी
ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री बस जुमले बाजी कर रहे हैं, ताकि बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा सके। भाजपा की हार जरूरी  है, आगे जाकर आप देखेंगे कि किस तरह से उनके चुनावी प्रवचन हर रोज बदलेंगे, मोदी अपने भाषण के पहले चरण में बेहद ही संयमता बरतेंगे फिर दूसरे चरण में रमज़ान के त्योहार तक बहस गर्म होगी। लेकिन, लोग इस बार उनकी नौटंकी का समर्थन नहीं करेंगे। 

क्षेत्रिय दल निभाएंगे निर्णायक भूमिका
'गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस' मोर्चे के बारे में पूछे जाने पर, एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, "मैं निश्चित रूप से इसका हिस्सा हूं और मैं इस मुद्दे पर टीआरएस का समर्थन कर रहा हूं। 'गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस' मोर्चे के बारे में पूछे जाने पर, एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, "मैं निश्चित रूप से इसका हिस्सा हूं और मैं इस मुद्दे पर टीआरएस का समर्थन कर रहा हूं।" हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया की 'गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस' मोर्चा कैसे चुनावों के बाद आकार लेगा और न ही उन्होंने संभावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का खुलासा किया, जो इस मोर्चे का नेतृत्व कर सकते हैं। यहां तक ​​कि उन्होंने विश्वास जताया कि क्षेत्रीय राष्ट्रीय राजनीति में एक निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

दक्षिणी राज्यों में नहीं होगा भाजपा को ज्यादा फायदा
ओवैसी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 543 लोकसभा सीटों में से 100  सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन, 320 से अधिक सीटों पर भाजपा, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच त्रिकोणीय लड़ाई है। उन्होंने कहा, "क्षेत्रीय दल राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 2014 में हमने 280 से अधिक सीटें एनडीए को दी, उससे पहले यूपीए सरकार को 210 सीटें दी। इससे क्या हुआ? मैं चाहता हूं कि भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व किया जाए। परिणामों की प्रतीक्षा करें, कर्नाटक में कुछ सीटों को छोड़कर, पांच दक्षिणी राज्यों में भाजपा को ज्यादा फायदा नहीं होगा, जिसमें 130 लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी की इस बार हैदराबाद में अपनी इकलौती सिकंदराबाद सीट गवाने की भी पूरी संभावना है। जब उनसे पूछा गया कि क्या बीजेपी की बी टीम के रूप में मानी जाने वाली टीआरएस चुनावी नतीजे आने के बाद बीजेपी का समर्थन कर सकती है? ओवैसी ने कहा कि ये गलतफहमी कांग्रेस द्वारा फैलाई गई है। ऐसा बिल्कुल नहीं है। मुस्लिम समुदाय को राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 2014 के आम चुनाव में भाजपा द्वारा जीती गई 280 सीटों में एक भी मुस्लिम सांसद नहीं था, क्योंकि भगवा पार्टी केवल बहुसंख्यक समुदायों द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए लोकतंत्र को चलाना चाहता है।

बहुसंख्यक नहींं मैं मोदी के खिलाफ
ओवैसी ने आगे कहा कि 'अगर मैं मोदी के खिलाफ बात करता हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं बहुसंख्यक समुदायों के खिलाफ हूं।  मैं कभी भी बहुसंख्यक समुदायों के खिलाफ नहीं था। मैं  भाजपा और RSS के खिलाफ हूं और आगे भी रहूंगा। बता दें कि हैदराबाद लोकसभा सीट में सात विधानसभा क्षेत्र हैं - मालकपेट, कारवान, गोशामहल, चारमीनार, चंद्रायंगुट्टा, याकूतपुरा और बहादुरपुरा। सात विधानसभा क्षेत्रों में से छह वर्तमान में एआईएमआईएम और एक भाजपा के पास हैं।


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