जेटली ने सज्जन कुमार को मिली सजा का किया स्वागत, कमल नाथ पर साधा निशाना
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख दंगा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से उम्रकैद की सजा सुनाए जाने का स्वागत किया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख दंगा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से उम्रकैद की सजा सुनाए जाने का स्वागत किया। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने पर विपक्षी पार्टी को निशाने पर लिया है। उनका दावा है कि सिख उन्हें समुदाय के खिलाफ हिंसा में भागीदार मानते हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले कमलनाथ अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगे में हाथ होने से इन्कार करते रहे हैं।
जेटली ने सज्जन कुमार को मिली उम्रकैद की सजा को सिख विरोधी नरसंहार का प्रतीक कहा। उन्होंने कहा कि देश ने इस तरह के हत्याओं के दौर का कभी सामना नहीं किया था। वित्त मंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस और उसके शासक गांधी परिवार लीपापोती में शामिल रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि फैसले में देरी हो सकती है लेकिन अंतत: न्याय की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि और फैसले आने की उम्मीद है क्योंकि रोजना आधार पर कई मामलों की सुनवाई चल रही है।
जेटली ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने तत्कालीन शासन को क्लीन चिट दी थी। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा गठित नानावटी आयोग थाना के अनुसार दंगा के मामले जमा किए थे। नरेंद्र मोदी सरकार ने माथुर समिति का गठन किया और दंगा मामलों की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई।
84 दंगे में कांग्रेस का हाथ होने पर किसी को संदेह नहीं : शाह
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि किसी को भी सिख विरोधी दंगे में कांग्रेस की भूमिका होने पर संदेह नहीं है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता हंगामे में भड़काऊ नारे लगाते हुए शामिल हुए थे और लोगों की नृशंस हत्या कराई थी। अपने ट्वीट में भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि 1984 के दंगे के पीडि़तों ने न्याय की उम्मीद छोड़ दी थी क्योंकि अपराध के लिए जिम्मेवार लोगों को कांग्रेस नेतृत्व का संरक्षण हासिल था। कई आयोगों और दर्जनों प्रत्यक्षदर्शी गवाह होने के बावजूद किसी को भी सजा नहीं मिली। भाजपा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2015 में एसआइटी गठित करने के लिए धन्यवाद दिया।
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