Jagran Forum: भारत के पास वैश्विक विकास दर से पांच फीसद अधिक वृद्धि की क्षमता: अरुण जेटली
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विकसित देशों में वृद्धि के रास्ते कम होते हैं, लेकिन हमारे देश में अभी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां विकास की गुंजाइश है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत में अगले दो दशक तक तेज विकास दर की जमीन तैयार हो गई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में उछाल आया और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम अनुकूल रहे तो भारत 10 फीसद की विकास दर भी हासिल कर सकता है। भारत की क्षमता वैश्विक विकास दर से पांच प्रतिशत अंक अधिक वृद्धि दर बनाए रखने की है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को 'जागरण फोरम' में यह बात कही। जेटली ने कहा कि भारत लगातार दो दशक तक सात-आठ प्रतिशत विकास दर जारी रख सकता है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में वृद्धि के रास्ते कम होते हैं, लेकिन हमारे देश में अभी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां विकास की गुंजाइश है। जेटली ने उदाहरण देते हुए कहा कि कानपुर के पूरब में स्थित प्रदेशों मसलन उड़ीसा, झारखंड और छत्तीसगढ़ में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो कृषि प्रधान हैं और जहां खनिज संसाधन भी हैं। ऐसे में यहां विकास की पूरी संभावनाएं हैं।
जेटली ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले भारत के लिए पॉलिसी पैरालिसिस और फ्रेजाइल फाइव जैसे विशेषणों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन चार साल में ही भारतीय अर्थव्यवस्था 10वें नंबर से छठे नंबर पर आ गई है। अगले कुछ वषरें में भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
दोगुनी हो जाएगी आयकर रिटर्न की संख्या
अर्थव्यवस्था को संगठित बनाने की जरूरत पर बल देते हुए जेटली ने कहा कि मोदी सरकार जब सत्ता में आई थी तो उस समय देश में महज 3.8 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल होते थे, लेकिन इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 6.8 करोड़ हो गया है। मोदी सरकार अगले साल जब पांच साल पूरी करेगी तब तक आयकर रिटर्न की संख्या दोगुनी यानी 7.6 करोड़ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में 10 से 12 करोड़ टैक्स बेस की क्षमता है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद पहले साल ही इसके तहत असेसी आधार 75 प्रतिशत बढ़ गया है।
नोटबंदी से हुए फायदे
नोटबंदी के फायदे गिनाते हुए जेटली ने कहा कि जब लेन-देन कैश में होता है तो वह गुमनाम होता है, लेकिन बैंक में डालते ही गुमनामी समाप्त हो जाती है। नोटबंदी के परिणामस्वरूप 18 लाख खाताधारक पकड़े गए जिन्होंने नोटबंदी के दौरान ज्ञात स्त्रोतों से अधिक नकदी जमा की थी।
देश को एकजुट रखने को जरूरी है मजबूत संघ
जेटली ने कहा कि संविधान में हमारे देश की परिभाषा राज्यों के संघ के रूप में दी गई है। देश को एकजुट रखने के लिए एक मजबूत संघ की आवश्यकता है। अगर संघ आर्थिक या राजनीतिक रूप से कमजोर हो जाता है तो यह राज्यों का संघ नहीं बल्कि राज्यों का महासंघ बनकर रह जाएगा। उन्होंने इस आरोप को खारिज किया कि हाल के वषरें में राज्यों को मिलने वाली धनराशि में कमी आई है।
जेटली ने कहा कि जीएसटी की आधी राशि आते ही राज्यों के पास चली जाती है। उसके बाद जो आधी राशि केंद्र के पास आती है उसमें से राज्यों को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 42 प्रतिशत राशि चली जाती है। इसके बाद केंद्र के पास जो धनराशि बचती है उसमें से केंद्र प्रायोजित योजनाओं के रूप में भी राज्यों के पास धनराशि जाती है। इस तरह केंद्र के पास जो राशि बचती है उसमें से भी नेशनल हाइवे और गांव की सड़कें बनाने जैसे कार्य किए जाते हैं।
देश के लिए खतरनाक है अवसरवादी राजनीति
जेटली ने 2019 के आम चुनाव से पहले भाजपा के विरोध में गठबंधन बनाने की कोशिशों को कॉल्यूशन ऑफ राइवल्स यानी विरोधियों का गठबंधन करार देते हुए कहा कि विगत में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, एचडी देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल सरकार के समय इस तरह के गठबंधन का प्रयोग हुआ था जो पूरी तरह असफल साबित हुआ। इसलिए अवसरवादिता की राजनीति देश के लिए खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है।
ठोस नीति और नारेबाजी के बीच चुनाव करने की जरूरत
जेटली ने नारेबाजी की राजनीति के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा किस तरह आठवें दशक में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान विकास दर काफी धीमी रही और गरीबी भी काफी अधिक रही। जेटली ने कहा कि इंदिरा गांधी ने नारा दिया था, 'गरीबी हटाओ' और उन्होंने इसके लिए 20 सूत्रीय कार्यक्रम चलाया, लेकिन उस समय महंगाई दर 24 प्रतिशत थी। कांग्रेसी जिसे सबसे महान नेता मानते हैं उनके शासन में महंगाई दर इतनी ज्यादा थी। संप्रग-2 में भी महंगाई दर 10 प्रतिशत के आसपास थी, लेकिन आज यह मात्र तीन-चार प्रतिशत है।
किसानों को बिजली-पानी की सुविधा देने की जरूरत
जेटली ने कृषि कर्ज माफी की लोकलुभावन नीति के बारे में पूछे जाने पर पंजाब का उदाहरण दिया जो इसी तरह की नीतियों के चलते आज वित्तीय रूप से खस्ताहाल है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने किसानों को बिजली पानी और सड़क की सुविधाएं दीं जिससे राज्य की कृषि वृद्धि दर 15 से 20 प्रतिशत रही।