सीबीआइ में रार: जेटली ने बताया, छुट्टी पर क्यों भेजे गए दोनों अधिकारी
जेटली ने यह भी बताया कि आखिरकार दोनों अधिकारी आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर क्यों भेजा गया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सीबीआइ में भ्रष्टाचार की खबरों के बाद शीर्ष स्तर पर कार्रवाई ने जहां राजनीति भी गर्म कर दी है और विपक्ष हमलावर भी है। वहीं सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को सीवीसी की सिफारिश पर हटाया गया है।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सीबीआइ की साख और संस्थागत सत्यनिष्ठा को कायम रखने के लिए कार्रवाई जरूरी थी। जेटली ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि दोनों अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच एसआइटी करेगी और जब तक जांच होगी तब तक इन दोनों को अंतरिम उपाय के तौर पर छुट्टी पर भेजा गया है। जांच दल का गठन खुद सीबीआइ या सीवीसी करेगा जिसके पास भ्रष्टाचार के मामलों में निगरानी का अधिकार है।
जेटली ने कहा कि सीबीआइ के दोनों बड़े अधिकारियों के खिलाफ जो भी शिकायतें आई वो सीवीसी के पास ही गई। सीवीसी के पास पूरे दस्तावेज हैं। सीवीसी ने मंगलवार को उनकी बैठक में सीवीसी कानून की धारा 8 और दिल्ली पुलिस स्पेशल एस्टिब्लिशमेंट एक्ट की धारा 4 (1) के तहत यह सिफारिश की कि इन दोनों अधिकारियों पर आरोप लगे हैं इसलिए इनकी जांच न तो ये अधिकारी कर सकते हैं और न ही इनकी निगरानी में कोई एजेंसी कर सकती। इसलिए जब तक इनकी जांच होगी तब तक सीबीआइ की संस्थागत सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता कायम रखने के लिए उन्हें एक निश्चित अवधि के लिए छुट्टी पर भेजने का फैसला किया गया है।
सीबीआई में चल रहे मौजूदा घटनाक्रम को विचित्र और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए जेटली ने विपक्ष का आरोपों को हास्यास्पद और बकवास बताया। बल्कि पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस आरोप लगा रही है कि वर्मा राफेल की जांच की तैयारी कर रहे थे और इसीलिए हटाया गया। लेकिन कांग्रेस को कैसे पता चला कि वर्मा क्या सोच रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दलों को यह मालूम था कि एजेंसी अगला कदम क्या उठाने जा रही है, तो जांच प्रक्रिया में निष्पक्षता सवालों के घेरे में आ जाती है।
जेटली ने साफ कहा कि सरकार ने सिर्फ सीवीसी की सिफारिशों को प्रभाव में लाने के लिए आदेश जारी किया है। अब इसकी जांच कौन करेगा? इसके लिए निष्पक्षता होनी जरूरी है। यह सरकार के अधिकारक्षेत्र में नहीं आता। सरकार उसकी जांच नहीं कर सकती और न करेगी। देश की प्रधान जांच एजेंसी की निष्पक्षता कायम रखना सरकार, नागरिकों और विपक्ष सबके लिए महत्वपूर्ण है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार अस्थाना को इसलिए बचाना चाहती थी कि क्योंकि वह प्रधानमंत्री कार्यालय के लाड़ले हैं, जेटली ने कहा कि आपराधिक मामले सिर्फ जांच और सबूतों के आधार पर तय होते हैं।
राहुल गांधी का हमला
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीबीआई मामले को राफेल से जोड़ते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है।राजस्थान के हड़ौती में राहुल गांधी ने एक रैली कर कहा कि कल रात चौकीदार ने सीबीआइ निदेशक को हटा दिया। सीबीआइ निदेशक ने राफेल सौदे पर सवाल उठाए थे और उनको हटा दिया गया।
राहुल ने कहा, 'सीबीआइ चीफ आलोक वर्मा राफेल घोटाले के कागजात इकट्ठा कर रहे थे। उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया। प्रधानमंत्री का मैसेज एकदम साफ है जो भी राफेल के इर्द- गिर्द आएगा। हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा। देश और संविधान खतरे में हैं।'