सरकार व विपक्ष की नरमी से राज्यसभा का गतिरोध समाप्त
जेटली ने सदन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह तथा तथा पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की राष्ट्रभक्ति पर कोई सवाल नहीं उठाया था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। थोड़ी सरकार झुकी, थोड़ा विपक्ष और दस दिन से राज्यसभा में चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया। पिछले चार पांच दिन की सियासी कवायद के बाद निकली राह के अनुसार ही बुधवार को सरकार ने कहा कि उसे पूर्व प्रधानमंत्री व कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह की निष्ठा पर कोई संदेह नहीं है। और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा कहा है। बदले में कांग्रेस ने भी मोदी को लेकर पार्टी नेताओं की बदजुबानी से खुद को अलग कर लिया। इसके साथ ही गतिरोध समाप्त हो गया और वन संशोधन विधेयक पारित भी हो गया।
गुजरात चुनाव की तपिश से राज्य सभा अभी तक झुलस रही थी। गौरतलब है कि चुनाव अभियान में ही प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान को लेकर कांग्रेस उग्र थी जिसमें पाकिस्तानी साजिश की बात कही गई थी और उस बैठक में मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं की मौजूदगी का हवाला दिया गया था। कांग्रेस इस पर प्रधानमंत्री से माफी की मांग करती रही थी जिसे नकार दिया गया था। आखिरकार सुलह का रास्ता निकला। सूत्र बताते हैं कि पिछले चार पांच दिनों से नेता सदन अरुण जेटली की ओर से कवायद चल रही थी। वह खुद मनमोहन सिंह और नेता विपक्ष गुलाम नबीं आजाद से भी मिले और यह तय हुआ कि सरकार स्पष्टीकरण देकर बताएगी कि मनमोहन की निष्ठा पर कोई संदेह नहीं है।
बताते हैं कि हर पहलू पर चर्चा हुई। यही कारण है कि बुधवार को भी कुछ देर तक खींचतान चलती रही। स्पष्टीकरण तब हुआ जब दोनों पक्ष पूरी तरह संतुष्ट हो गए। जेटली ने सदन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह तथा तथा पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की राष्ट्रभक्ति पर कोई सवाल नहीं उठाया था। उन्होंने कहा- 'हम न केवल इन नेताओं का अत्यंत आदर करते हैं, बल्कि इनकी देशभक्ति का भी सम्मान करते हैं।'
वहीं कांग्रेस की ओर से आजाद ने कहा कि गुजरात व हिमाचल प्रदेश के चुनावों के दौरान यदि उनकी पार्टी के किसी सदस्य ने प्रधानमंत्री के विरुद्ध कोई अभद्र टिप्पणी की हो तो पार्टी उससे स्वयं को अलग करती है। जाहिर तौर पर उनका इशारा मणिशंकर अय्यर की ओर था।
जेटली का ये बयान उस समय आया जब सदन की कार्यवाही केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के धर्म निरपेक्षता और संविधान संशोधन से संबंधित विवादास्पद बयान पर विपक्ष के हंगामे पर स्थगन के उपरांत अपराह्न दो बजे प्रारंभ ही हुई थी। जेटली ने कहा, 'चुनावों के दौरान सभी पक्षों की तरफ से कई तरह के बयान दिए गए थे। सरकार नहीं चाहती कि इस वजह से सदन में गतिरोध जारी रहे।'
नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा, 'हम नेता सदन का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने उस मसले पर स्पष्टीकरण दिया जिसकी वजह से पिछले एक सप्ताह से सदन की कार्यवाही बाधित थी।' इसी के साथ आजाद ने सरकार को भरोसा दिया कि 'यदि चुनावों के दौरान हमारी पार्टी के किसी भी सदस्य (मणिशंकर अय्यर की ओर इशारा) ने प्रधानमंत्री के पद व गरिमा के खिलाफ कोई भी बयान दिया हो तो हमारी पार्टी उससे स्वयं को अलग करती है। हम प्रधानमंत्री पद की गरिमा के विरुद्ध कोई भी शब्द नहीं सुनना चाहेंगे।'
गौरतलब है प्रधानमंत्री मोदी को 'नीच किस्म का आदमी' कहने पर कांग्रेस ने मणिशंकर अय्यर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने के साथ बताओ नोटिस जारी किया था।
यह भी पढ़ें: लोकसभा में PM मोदी और राज्यसभा में हेगड़े के बयान पर कांग्रेस का हंगामा