विपक्षी एकजुटता पर जेटली का वार, कहा- इतिहास से सबक लें, फेल है ये आइडिया
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर हमला बोला है और कहा है कि 2019 का चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और अराजकतावादी गठबंधन के बीच मुकाबला होगा।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और अराजकतावादी गठबंधन के बीच मुकाबला होगा। बता दें कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अरुण जेटली इन दिनों अस्पताल में हैं। यहीं से उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए विपक्षी गठबंधन पर हमला बोला। अरुण जेटली ने कहा कि मोदी सरकार पांचवें साल में प्रवेश कर गई है, हमारा फोकस नीतियों को लागू करने और उनके एकत्रीकरण पर होगा। इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी पार्टियों के साथ आने की रणनीति को फेल करार दिया। जेटली ने कहा कि क्षेत्रीय और मुक्तलिफ़ विचाराधाराओं वाली पार्टियां एक दूसरे के साथ आने का वादा कर रही हैं।
जेटली ने कहा, 'संघीय मोर्चा एक असफल विचार है।' जेटली ने आगे कहा कि इनमें से ज्यादातर पार्टियां जैसे कि टीएमसी, डीएमके, टीडीपी, बीएसपी और जेडीएस ऐसी पार्टियां हैं, जो कि भाजपा के साथ सत्ता में भागीदार रही हैं। इसके अलावा ये पार्टियां अपना राजनीतिक स्टैंड भी बदलती रहती हैं। जेटली ने कहा कि इतने विरोधाभासों से घिरा एक मोर्चा एक वक्त के बाद अपना संतुलन खो देता है। जेटली ने ये भी कहा की इनमें से कई पार्टियों ने पहले तो भाजपा का साथ ये कहकर दिया कि वो एक राष्ट्रीय पार्टी है, लेकिन बाद में उन्होंने मुंह फेर लिया और अब सेक्युलरिज्म के नाम पर विरोध कर रही हैं। जेटली ने कहा कि वैचारिक तौर पर ये बहुत ही लचीली पार्टियां हैं। एक स्थाई विचार की राजनीति का इनका कोई इतिहास नहीं है। जेटली ने कहा कि इससे पहले चौधरी चरण सिंह, चंद्र शेखर भी इसी तरह का संघीय मोर्चा गठन करने का प्रोयग कर चुके हैं। इसके अलावा 1996-98 में सरकार भी बनाई लेकिन कामयाब नहीं हुए। उन्होंने कहा कि इतिहास हमें सबक सिखाता है। ऐसे में भारत के लोगों को ऐसे विचार का बिल्कुल साथ नहीं देना चाहिए जो लगातार फेल होता रहा है।