राफेल के सवालों से भाग रही सरकार, सत्ता में आए तो कराएंगे जांच: राहुल गांधी
राफेल विमान सौदे को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि अरुण जेटली ने उन्हें गाली तो दी मगर सवालों के जवाब नहीं दिए।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राफेल को लेकर एनडीए सरकार पर सियासी बमबारी कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 में सत्ता में आने पर राफेल सौदे की आपराधिक जांच कराने का ऐलान किया है। साथ ही कहा कि जांच में जो दोषी पाया जाएगा उसे दंडित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद का सामना नहीं करने का मुद्दा उठाते हुए राहुल ने कहा कि अरुण जेटली उन्हें गाली दे रहे मगर सौदे पर उठाए सवालों का सीधे जवाब नहीं दे रहे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा में सरकार के जवाब को खारिज करते हुए कहा कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने पूरा ड्रामा किया मगर राफेल सौदे पर उठाए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। राफेल पर अपने आरोपों को धार देने के लिए कांग्रेस ने भी रक्षा और कानून मंत्रालय के आला अधिकारियों के नई डील में कीमतों पर उठाए गए एतराज को लेकर भी सीधे पीएम को घेरा।
राहुल गांधी ने रक्षामंत्री के राफेल पर जवाब से पहले संसद भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि लोकसभा में बहस से पीएम मोदी सदन से भाग गए। उन्होंने कहा कि जेटली कह रहे कि उनके सवाल गलत हैं तो उनका सवाल है कि क्या यह पूछना गलत है कि 526 करोड का विमान 1600 करोड रुपये में क्यों खरीदा? 126 की जगह 36 विमान ही क्यों खरीदे?
क्या वायुसेना की वार्ताकारों की टीम ने नई डील पर फाइल में आपत्ति उठाई थी? एचएएल से कांट्रेक्ट छीनकर अनिल अंबानी को देने का फैसला किसका था? राहुल ने कहा जेटली ने इनका जवाब नहीं दिया और उन्हें गाली दी। फिर भी वह जेटली को कहेंगे चाहे उन्हें जितनी गाली देनी है दीजिए मगर हमारे सवालों का जवाब भी दीजिए।
सरकार के आरोपों को खारिज करने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि जेपीसी नहीं हुआ तो कांग्रेस का रुख साफ है कि 2019 में हम सत्ता में आए तो राफेल सौदे की आपराधिक जांच शुरू करेंगे। जांच में जो भी दोषी होगा उसे दंडित किया जाएगा। उनके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने राफेल की जांच से रोका नहीं है बल्कि केवल यह कहा है कि वह इस मामले में जांच में सक्षम नहीं है।
लोकसभा में रक्षामंत्री के जवाब के बाद राहुल फिर मीडिया से रूबरू हुए और कहा कि सीतारमण ने उनके एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। ढाई घंटे के भाषण में एक बार भी अनिल अंबानी का नाम नहीं लिया। रक्षा मंत्रालय के अफसरों की नई डील पर आपत्ति का हां या ना में जवाब देने की बजाय रक्षामंत्री ने ड्रामा किया और भाग गई। राहुल ने कहा कि राफेल की बाई पास सर्जरी पीएम मोदी ने की इसमें कोई शक नहीं मगर रक्षामंत्री ने इसका भी जवाब नहीं दिया।
राफेल पर राहुल के हमले से पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर रक्षा व कानून मंत्रालय के दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने खुद विमान का दाम बढ़ाया।
आजाद ने कहा कि राफेल सौदे की फाइल में इन दोनों महकमों के अधिकारियों के दर्ज एतराज से साफ है कि डील गड़बड़ है। जेपीसी जांच में ही सारे तथ्य सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि आपत्तियों को दरकिनार कर पीएम ने सरकारी खजाने का नुकसान करने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया। इनका कहना था कि रक्षा मंत्रालय की वार्ताकारों की टीम ने विमान की कीमत बढ़ाने के प्रस्ताव का फाइल पर लिखित विरोध दर्ज किया मगर पीएम ने इसकी अनदेखी कर खुद सीसीएस से इस मंजूरी दिलाई।
कांग्रेस नेताओं ने फाइल नोटिंग का हवाला देते हुए कहा कि इसमें दासौ के वित्तीय नतीजे का जिक्र करते हुए साफ कहा गया है कि कतर और मिस्र की तुलना में भारत ने राफेल के लिए ज्यादा कीमत दी है और सौदे की परतें खोलने वाली फाइलें मनोहर पर्रिकर के बेडरूम में है।
राहुल ने पूछे ये सवाल
पहला सवालः 526 करोड़ रुपये के हवाई जहाज को 1600 करोड़ रुपये में किसके कहने पर खरीदा गया?
दूसरा सवालः क्या एयरफोर्स ने 126 की बजाए 36 हवाई जहाजों की मांग की थी या नहीं ?
तीसरा सवालः अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट किसने दिलवाया क्योंकि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि अनिल अंबानी को ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट पीएम नरेंद्र मोदी ने दिलवाया है। दासौ कंपनी की आंतरिक ई-मेल में कहा गया है कि उनको हिंदुस्तान की सरकार से आदेश मिला था कि ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट अनिल अंबानी को दिया जाए।
चौथा सवालः क्या 36 हवाई जहाज खरीदने की नई डील पर हिंदुस्तान की एयरफोर्स के लोगों को आपत्ति थी या नहीं?. राहुल ने कहा कि रक्षामंत्री को देश को बताना चाहिए कि कहीं किसी फाइल में नहीं लिखा कि रक्षा मंत्रालय को इस नए रक्षा सौदे पर ऐतराज है और न ही ऐसी कोई फाइल मौजूद है।