Move to Jagran APP

Article 370: एक झटके में बदल गया भारत और पाकिस्तान के बीच का सारा सियासी समीकरण

भाजपा ने एक अनौपचारिक बातचीत में तत्कालीन उच्चायुक्त अब्दुल बासित को यहां तक बोल दिया था कि भारत धारा 370 भी खत्म करेगा और धारा 35ए भी हटाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 08:34 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 08:34 PM (IST)
Article 370: एक झटके में बदल गया भारत और पाकिस्तान के बीच का सारा सियासी समीकरण
Article 370: एक झटके में बदल गया भारत और पाकिस्तान के बीच का सारा सियासी समीकरण

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। जम्मू व कश्मीर को धारा 370 के तहत मिले विशेष अधिकार के खात्मे ने एक झटके में भारत और पाकिस्तान के बीच के सारे समीकरण को बदल कर रख दिया है। इससे भारत व पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ के और ज्यादा घनीभूत होने की संभावना जताई जा रही है। भारत ने नई सरकार के आने के बाद दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता को लेकर जो संभावनाएं जताई जा रही थी वे सब धाराशायी हो गई हैं।

loksabha election banner

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) पर पहले ही सवालिया निशान लग गये थे, लेकिन अब दोनो देशों के बीच रिश्तों में सुधार के लिए जिस शिमला समझौते और लाहौर घोषणा-पत्र का जिक्र किया जाता था उनकी भी प्रासंगिकता खत्म हो गई है।

देश के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने दैनिक जागरण को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले किसी भी संभावित वार्ता में कश्मीर अब मुद्दा नहीं रहेगा। अब शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र जैसे मसौदों की प्रासंगिकता भी खत्म हो गई क्योंकि इनमें कश्मीर को दोनो देशों के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दे के तौर पर चिन्हित किया गया था। यही नहीं दोनो देशों के बीच रिश्तों को सामान्य करने के लिए जो कई स्तरों पर आधिकारिक, गैर आधिकारिक या बैक चैनल के जरिए जो बातचीत होती थी उनका भी कोई औचित्य नहीं रह गया।

दोनो देशों के बीच अब अगर बातचीत होगी भी तो वह अब भावनात्मक मुद्दों पर नहीं बल्कि कारोबार बढ़ाने, एक दूसरे को सामाजिक विकास में मदद देने जैसे मुद्दों पर हो सकती है और अगर पाकिस्तान चाहे तो उसके पास के कश्मीर के हिस्से पर बात हो सकती है।

भारत व पाकिस्तान के बीच वर्ष 1998 के बाद से बातचीत की जो भी कोशिश हुई है, उसका हश्र कोई बहुत खास नहीं रहा है, लेकिन यह भी सच है कि बातचीत के केंद्र में कश्मीर का मुद्दा ही रहता था। भारत जहां कश्मीर के संदर्भ में सीमा पार आतंकवाद पर बात करने की कोशिश करता था तो पाकिस्तान का दावा रहा है कि बातचीत कश्मीर समस्या के समाधान को लेकर हुई है।

अब पाकिस्तान कश्मीर पर बात करने का दावा नहीं कर सकता। राजग सरकार के फैसले ने यह भी सुनिश्चित कर दिया है कि भारत की कोई भी सरकार पाकिस्तान से कश्मीर पर वार्ता के लिए तैयार नहीं होगी क्योंकि उसका मतलब होगा देश की अखंडता व संप्रभूता के साथ समझौता करना।

पाक को दिया गया था संकेत

विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में वर्ष 2014 में पहली बार सरकार बनने के साथ ही पाकिस्तान को यह स्पष्ट कर दिया गया था कि दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं में भारत की अखंडता को प्रभावित करने वाले मुद्दों को लेकर कोई बातचीत नहीं होगी। पीएम मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशिया के दूसरे देशों के प्रमुखों के साथ ही पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ को भी बुलाया गया था।

शपथ ग्रहण के अगले दिन मोदी व शरीफ के बीच मुलाकात में यह स्पष्ट किया गया था कि भारत जम्मू व कश्मीर को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। यह बात बाद में नई दिल्ली स्थिति पाकिस्तान के उच्चायुक्तों को भी अलग-अलग तरीके से बताया गया।

भाजपा के महासचिव राम माधव ने एक अनौपचारिक बातचीत में तत्कालीन उच्चायुक्त अब्दुल बासित को यहां तक बोल दिया था कि भारत धारा 370 भी खत्म करेगा और धारा 35ए भी हटाएगा। पाकिस्तान को इसके बाद की तैयारी करनी चाहिए।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.