छत्तीसगढ़ में नक्सली कमांडर हिड़मा की तलाश में जंगलों की खाक छान रहे जवान
नक्सली चुनाव में गड़बड़ी करने पर आमादा हैं तो फोर्स भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में है।
नईदुनिया, रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख जैसे-जैसे निकट आ रही है, नक्सली हलचल तेज होती जा रही है। जगह-जगह चुनाव बहिष्कार का नक्सली प्रोपागंडा चल रहा है। नक्सली चुनाव में गड़बड़ी करने पर आमादा हैं तो फोर्स भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में है। मतदान से पहले जंगलों में सर्चिग अभियान तेज किया गया है। फोर्स दुर्दात नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा की तलाश में है।
हिड़मा के चहरे से अनजान है पुलिस
हिड़मा ही वह कमांडर है, जो बस्तर में बड़ी नक्सली वारदात के लिए जिम्मेदार रहा है। नक्सलियों ने सुकमा-बीजापुर इलाके में पहली बटालियन तैयार की है, हिड़मा उसका कमांडर है। कौन है हिड़मा यह अभी तक रहस्य बना हुआ है, लेकिन कई बड़े नक्सली नेताओं से पूछताछ में सुरक्षाबलों को उसकी मौजूदगी के बारे में पता चला है। हिड़मा की असल तस्वीर भी फोर्स के पास नहीं है। सुरक्षाबलों की पूरी कोशिश है कि चुनाव के दौरान हिड़मा और उसके लड़ाकों को उनकी मांद में समेटे रखा जाए।
इसलिए हो रही है हिड़मा की तलाश
हिड़मा झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं की हत्या, ताड़मेटला में 76 जवानों की हत्या, बुरकापाल में सीआरपीएफ के 25 जवानों की हत्या, कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण जैसी बड़ी वारदात में शामिल रहा है। वह नक्सल फोर्स का मुख्य कमांडर है। इसलिए उसकी तलाश जरूरी है।
चार स्तरीय सुरक्षा घेरे में रहता है
हिड़मा चार स्तरीय सुरक्षा घेरे में रहता है। कई बार उसकी लोकेशन तक फोर्स पहुंच चुकी है, लेकिन उसकी सुरक्षा में तैनात नक्सली अपनी जान देकर उसे बचाते रहे हैं। उसे मारने में बहुत खून खराबा होने की आशंका है, इसलिए फोर्स सतर्कता बरत रही है। कुछ महीने पहले सरेंडर करने वाले नक्सली कमांडर पहाड़ सिंह से हिड़मा के बारे में काफी सूचनाएं मिली हैं। इन सूचनाओं के आधार पर उसकी तलाश की जा रही है।