नसीरुद्दीन को अनुपम खेर का जवाब, कहा- सेना पर पत्थरबाजी से अधिक कौन सी आजादी चाहिए
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि नसीरुद्दीन शाह ने एक फिल्म की थी, जिसका नाम था अल्बर्ट पिंटू को गुस्सा क्यों आता है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। अभिनेता अनुपम खेर ने कहा है कि नसीरुद्दीन शाह को जो जी में आए बोलने दीजिए, उनकी सोच आजाद है। लेकिन ये जरूरी नहीं की वो सच हो। शनिवार शाम बनारस पहुंचे अनुपम खेर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन के बाद मीडिया से मुखातिब थे।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि नसीरुद्दीन शाह ने एक फिल्म की थी, जिसका नाम था अल्बर्ट पिंटू को गुस्सा क्यों आता है। वह दिल्ली के नेशनल स्कूल आफ ड्रामा में मेरे सीनियर रहे हैं। देश में हर एक को पूरी आजादी है कुछ भी कहने-बोलने की। भारत में तो लोग सेना से लेकर एयर चीफ को भी गाली दे सकते हैं। आप सैनिकों पर भी पथराव कर सकते हैं। भला इससे ज्यादा आजादी क्या चाहिए और किसी देश में इससे ज्यादा आजादी नहीं है
। इससे पहले ज्योतिषाचार्य चंद्रमौलि उपाध्याय के साथ मंदिर पहुंचे अनुपम खेर ने बाबा का दर्शन किया। खेर गर्भगृह से बाहर निकले तो परिसर को ध्यान से देखा। कहा कि काशी ही नहीं पूरे भारत का विकास हो रहा है।
फिल्म उद्योग के लिए बड़ा दिन
अनुपम खेर ने कहा कि आज जीएसटी कम होने से फिल्मोद्योग में खुशी का माहौल है। इस त्वरित निर्णय से 100 रुपये के टिकट पर टैक्स 18 से 12 और 28 से 18 हो गया। यह फिल्म इंडस्ट्री के लिए बड़ी बात और बड़ा दिन है।
बोलने से पता चलती है प्रवृत्ति
राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को चौकीदार चोर बोलने के सवाल पर कहा कि जब कोई किसी पर लांछन लगाता है या भला-बुरा बोलता है तो उससे उसकी खुद की प्रवृत्ति पता चलता है। उन्हें भी बोलने का अधिकार है। लेकिन बोलने से कोई फर्क नहीं पड़ता।